http://careforspecialchild.blogspot.com

Showing posts with label कपड़े बनाने के लिए. Show all posts
Showing posts with label कपड़े बनाने के लिए. Show all posts

13/06/2015

science 8th class science कपड़े बनाने के लिए कृत्रिम और प्राकृतिक रेशे रेशों रेशम

ü  कपड़े बनाने के लिए रेशों या रेशम की आवश्यकता होती है

ü  रेशे बनाने के लिए तागे की आवश्यकता होती है

ü  तागे दो प्रकार के होते है –
·         कृत्रिम और प्राकृतिक

ü  कृत्रिम या मानव निर्मित रेशों को संश्लेषित रेशे भी कहते है

ü  कृत्रिम या मानव निर्मित (संश्लेषित) की छोटी इकाइयों को जोडकर एक बडा लंबा रेशा बनाया जा सकता है जिसे पालीमर या बहुलक कहते है

 कपड़े बनाने के लिए, कृत्रिम और प्राकृतिक,रेशे,  रेशों, रेशम,
 कपड़े बनाने के लिए


ü  कृत्रिम या मानव निर्मित रेशे
·         नाइलॉन, पॉलीएस्टर या ऐक्रिलिक, रेयान, प्लास्टिक, टेरीलीन, ऐक्रिलिक आदि   

ü  प्राकृतिक रेशों
·         कपास और रेशम आदि, ये हमे पौधों तथा जन्तुओ से प्राप्त (स्रोत) होते है 

ü  कृत्रिम रेशों
·         हमे पौधों या लकड़ी और कोयला या जीवाश्म ईंधन से प्राप्त (स्रोत) होते है 

ü  पहला संश्लेषित रेशा – नाइलॉन (1931)

ü  सभी रेशे अपने गुणों के आधर पर पहचाने जाते है जैसे रख-रखाव, उपलब्धता, मूल्य, दहन प्रकृति, जल अवशोषण, प्रबलता आदि

ü  प्लास्टिक – यह एक बहुलक है जो दो प्रकार के होते है
·         थर्मो प्लास्टिक और थर्मो-सेटिग़ प्लास्टिक

ü  पॉलीथिन – एक प्रकार का प्लास्टिक है  

ü  प्लास्टिक हल्का, मजबूत, टिकाऊ, जंग रहित तथा ऊष्मा का रोधक होता है

ü  प्लास्टिक का अपशिष्ट हमारे पर्यावरण के लिए हानिकारक होता है क्योंकि यह जैव प्रकृति का नहीं होता, इसके जलाने पर विषैली गैसें होती है तथा भूमि भी बंजर होती है इसका अपघटन भी नहीं होता  

ü  4R का नियम – Reduce, Reuse, Recycle, Recover


ü  किसी भी संश्लेषित रेशे के अपघटन या अपशिष्ट के निपटारे के लिए 4R के नियम को ध्यान में रखना चाहिए