राजकोषीय
नीति Fiscal Policy
राजकोषीय
नीति के अंतर्गत हम सरकार की आय और व्यय के
द्वारा अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कार्यो का उलेख़
करते है! सरकार इसप्रकार की नीति का पालन करती है जिससे की राष्टीय आय, कुल रोजगार
और कुल उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाया जा सके और नकारात्मक प्रभाव को रोका
जा सके! सरकार अपने व्यय और कर नीति में परिवर्तन करके एक प्रभावशली राजकोषीय नीति
का निर्माण कर सकती है
राजकोषीय नीति Fiscal Policy |
In Fiscal Policy, we
include the Government different actions for multiple positive out-come for
total income, production or employment etc with the help of its total revenue
or expenditure. In other words, Government always monitor and influence the economy by its level of
expenditure and taxes ration.
राजकोषीय
नीति के उदेश्य –
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अर्थव्यवस्था में पूर्ण
रोजगार को बनाए रखना
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अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए
रखना
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कीमतों को नियन्त्रित रखना
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भुगतान शेष में संतुलन
राजकोषीय
नीति के उपकरण –
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बजट नीति – सरकार अपनी बजट नीति के माध्यम से भी राजकोषीय नीति के उदेश्य
को प्राप्त करने के प्रयास करती है इसको दो भागों में बाटा जा सकता है – बचत का
बजट और घाटे का बजट ! इन दोनों के गुणांक प्रभाव अधिक होते है और जमीनी स्तर पर
इनका अधिक प्रभाव होता है
· बचत का बजट – जब सरकार को
लगता है की अर्थव्यवस्था में स्फीतिक प्रभाव आ रहें है या आ सकते है तो सरकार बचत
का बजट का प्रयोग करती है और अर्थव्यवस्था में स्फीति के प्रभाव को कम करती है ताकि
कीमतों पर नियन्त्रण बना रहे! इसके अंतर्गत सरकार अपनी आय से कम खर्च करती है और
अनावश्यक व्यय को भी कम करती है
· घाटे का बजट - जब सरकार को लगता है की अर्थव्यवस्था में
अवस्फीति का प्रभाव आ रहा है या आ सकता है तो इन परिस्थितियों में सरकार घाटे का
बजट का प्रयोग करती है और अपने व्ययों को आय से अधिक बढ़ा देती है और अन्य व्यय को
भी बढ़ा देती है
राजकोषीय नीति Fiscal Policy |
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क्षतिपूरक राजकोषीय नीति – इस
नीति के अंतर्गत, सरकार अपने आय और व्यय तथा विभिन्न प्रकार के करों में परिवर्तन
करके अर्थव्यवस्था में व्याप्त स्फीति और अवस्फीति के प्रभाव को कम करने का प्रयास
करती है – जब सरकार को लगता है की अर्थव्यवस्था पर स्फीति का प्रभाव है तो सरकार अपने व्ययों में कमी और करों में वृद्धि
करती है ताकि जनता के पास खर्च को कम आय बचें, - दूसरी तरफ, जब सरकार को अवस्फीति
का प्रभाव अर्थव्यवस्था में दिखता है तो सरकार अपने खर्चो में वृद्धि करती है और
करों में भी कमी करती है ताकि जनता के पास खर्च करने की आय अधिक रहें!
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स्व-निर्णयात्मक नीति - इस नीति का प्रयोग सरकार निश्चित लक्ष्य का
प्राप्त करने के लिए प्रयोग करती है इसमें सरकार अपने करों और व्ययों में अलग – 2
या एक साथ परिवर्तन करती है इसको तीन भागों में बांटा जा सकता है जैसे -
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सरकारी व्यय में परिवर्तन –
करों में परिवर्तन नहीं
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सरकारी व्यय में परिवर्तन
नहीं - करों में परिवर्तन
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सरकारी व्यय और करों में परिवर्तन
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