ü कवक से मिलने वाले विभन्न
उत्पादन –
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खाने वाली वस्तुओं में प्रयोग होता है जैसे चावल
से इडली इर दाल से डोसा, मसरूम आदि
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प्रति जैविक बनाए जाते है – पेनसिलीन
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ब्रैड और केक बनाने में प्रयोग किया जाता है
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एल्कोहल जैसे शराब और बियर बनाने में प्रयोग
किया जाता है
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पाश्चरीकरण पनीर
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उल्ली कवक के बीज द्वारा हमारे भोजन को खराब कर
दिया जाता है
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कुछ रोग कवक द्वारा फलते है जैसे – रिंग वर्म और
एथलीट फुट
कवक, जीवाणु-भोजी, कवक द्वारा रोग, |
ü जीवाणु-भोजी किसे कहते है –
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विषाणु परपोषि होते है जो विषाणु दूसरे जीवाणुओं
पर निर्भर करते है या पोषि के शरीर में ही प्रजनन करते है उन्हें हम जीवाणु-भोजी कहते है
ü डबलरोटी बनाने की विधि –
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खमीर के द्वारा ही डबलरोटी बनाई जाती है आटे में
गर्म पानी और चीनी के साथ खमीर मिला कर एक मिश्रण बनाया जाता है गर्म पानी और चीनी
के कारण खमीर कोशिकाओ में तेज वृद्धि होती है और यह कूलना शरू हो जाता है प्रजनन
के समय खमीर CO2 उत्पान करता है ये सभी CO2 के बुलबुले मिश्रण को फलने का काम करते है इसे पकाने पर
डबलरोटी हल्की और नर्म बनती है
ü उल्ली कवक में वृद्धि को कम
करने के उपाय –
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वस्तुओं को निम्न ताप पर रखे
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वस्तुओं को रखने के लिए साफ और बंद डिब्बों का
प्रयोग
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शुष्क भंडारण का प्रयोग सूखी चीजों के लिए करें
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आचार के रूप में खाद्य पदार्थो को प्रति-रक्षीत
करें
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वायु में मिले हुए सूक्ष्मजीवों से बचना
ü कवक होते है -
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रंग रहित
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बाह्य कोशिका भित्ति कवक सेलूलोज से बनी होती है
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परपोषी
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मृतजीवी या परजीवी
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आर्द्र जैविक सतह पर प्रजनन
ü शैवाल होते है –
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रंग हरा
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बाह्य कोशिका भित्ति कवक सेलूलोज से बनी
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स्वपोषी
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आवास जलिय
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आर्द्र सतह पर प्रजनन