पेड़-पौधों का दोबारा उगाना
या पुनर्वनरोपण –
ü हमारी वन सम्पदा बहुत ही
उपयोगी है तथा लकड़ी का बहुत से कामों में प्रयोग किया जाता हे जब हम अपने काम के
कारण इसे लगातार काटते रहते है तो इनकी कमी होने लगती हँ तथा हमारे वायुमंडल का
संतुलन भी ख़राब होता है इसीलिए जब – 2 हम वन क्षेत्र को काटे तों यह हमारा
उतर-दायित्व है की हम काटे हुए पेड़ के स्थान पर नए पेड़-पौधे लगाए! ताकि भविष्य के
लिए अपनी वन-सम्पदा को बचाया जा सकें! सबसे पहले हमारी सरकार ने 1952 में राष्टीय
वन कानून बनाया और लागू किया, इसके अनुसार सम्पूर्ण भूमि का 1/3 भाग पर वनों को
फैलाना था परन्तु यह पूरा न हो सका और 1980 में इसे दोबारा से वन संरक्षित कानून
के तहत् लागू किया
पेड़-पौधों का दोबारा उगाना या पुनर्वनरोपण |
प्रवासी पक्षी किसे कहते है?
ü जीवन यापन करने के लिए जब
पक्षी (स्पीशीज) अपने आवास को छोड़कर बहुत दूर निकल जाते है तो इसे प्रवास पक्षी
कहते है ये मोसम में हुए परिवर्तनों के कारण लम्बें दूरी तक चले जातें है ये
पक्षी हर वर्ष इस प्रकार की दूरी तह करते है कुछ पक्षी अंडे देने के लिए भी
इसप्रकार की यात्रा करते है जैसे कोओरैट और चपटे सिर वाली बत्तख आदि !
सिल्वर कलचर किसे कहते है?
ü यह एक बड़ा ही महत्वपूर्ण
प्रोजेक्ट हँ और जिसका पेड़-पौधों का दोबारा उगाना या पुनर्वनरोपण से है ताकि अपनी
वन-सम्पदा को भविष्य के लिए बचाया जा सकें, इसके अंतर्गत दो बिन्दुओ पर जोर दिया
जाता है –
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हमारे उधोगों के लिए कच्चे माल को बनाए रखना और उसको अधिक
करना
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वन क्षेत्र को अधिक करना