पेट्रोलयम कैसे बना
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कार्बनीकरण – बहुत से प्राकृतिक संसाधन जो मिटटी में दब गए थे तथा जिसे हम मृत वनस्पति भी कहते है ये बहुत अधिक ताप और अधिक दबाव के
कारण, एक धीमी प्रक्रिया से कोयले में बदल गए, इस प्रक्रिया कों कार्बनीकरण कहते
है
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कोयले का प्रक्रमण – जब कोयले को 1000` C से ज्यादा ताप पर गर्म करने के प्रक्रम को कोयले का
प्रक्रमण कहते है
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LPG या CNG के उपयोग या लाभ –
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इसके धुवाँ रहित होने के
कारण प्रदूषण नहीं होता
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इनका उच्च कैलोरीमान होता
है लगभग 50 KG/g – 1g LPG के जलने से 50 जुल ऊष्मा
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इससे कोंई प्रदूषण नहीं
होता
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इसका सम्पूर्ण दहन किया जा
सकता है
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इसकी देखभाल आसान है
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पेट्रोलयम कैसे बना – अरबों वर्ष
पहले जब हमारे समुद्री जीव-जन्तु मरने के बाद नीचे मिटटी में दब गए, तो दबाव और
गर्मी के कारण अरबों वर्ष के बाद वे हइड्रो-कार्बन में बदल गए, यह एक हल्का पदार्थ
होता है जो छिद्र युक्त चट्टानों से निकल कर उपरी चट्टानों पर आ गया जब तक उन्हें
कठोर चट्टानों द्वारा रोका न गया. इस प्रकार चट्टानों में तेल के कूप बन गए, इन
कूपों के उपरी हिस्से में प्राकृतिक गैस पाई जाती है
पेट्रोलयम कैसे बना patrol kaese bnaa |
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कोक के लक्षण और उपयोग –
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लक्षण - यह कठोर, सरंध
युक्त, काले रंग का तथा विद्युत और ऊष्मा का कुचालक होता है
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उपयोग - मानव निर्मित ग्रेफाइट बनाने में काम आता है
- यह धुवाँ न छोड़ने के कारण, घरों के लिए एक अच्छा ईंधन
- धातुओं के निष्कर्षण में सहयोगी जैसे टिन, लोहा, ज़िक आदि
- जल-गैस – हाइड्रोजन और कार्बन मोनो-आक्साइड का मिश्रण
- उत्पादन-गैस - कार्बन मोनो-आक्साइड और नाइट्रोजन का 1:2
अनुपाती मिश्रण