मिटटी का कटना या मृदा के
अपरदन के कारण –
ü विभिन्न ऋतुओं में भूमि की
उपरी परत का कमजोर होना और हवा के साथ उड़ना
ü पेड़-पौधों का अधिक मात्रा
में काटना और फिर उपरी सतह का कमजोर होना
ü नदी और नालों द्वारा मिटटी
को काटना
ü खुले पड़े स्थानों पर
ü शहरीकरण के कारण पेड़-पौधों
का काटना
ü बिलों में रहने वाले
जीव-जन्तुओं द्वारा मिटटी की उपरी सतह को कमजोर करना
मृदा के अपरदन या मिटटी को कटने से
बचाने के लिए अधिक मात्रा में पेड़-पौधों को लगाना चाहिए ताकि पेड़-पौधों की जड़े
मिटटी के कणों का जकड़-कर रख सके और ये कण हवा या पानी के साथ न जा सके, इस तरह हम
मिटटी का कटना या मृदा के अपरदन को रोक सकते है
मिटटी का कटना अपरदन संरक्षण |
मिटटी के कटाव को रोकना या मिटटी
का संरक्षण –
ü अधिक मात्रा में पेड़-पौधों
का लगाना
ü वनों के काटने को कम करना
और पशुओं के अधिक चरने पर रोक लगाना
ü अधिक मात्रा में फसल उगाना
ताकि मिटटी के कटाव को रोका जा सके
ü वर्षा के पानी को रोककर
मिटटी को कटने से बचाना या खेतों की मेड़ो या बांध का निर्माण करना
ü सिचाई में कम गति के पानी
का प्रयोग करना
ü पहाड़ो पर सीडी-दार खेतों का
निर्माण करना
वन्य जीवन का आवश्कता –
ü जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों और
अन्य सूक्ष्म-जीवों से हमें बहुत सी वस्तुओं की प्राप्ति होता है
ü भोजन-श्रंखला पर प्रभाव
नहीं पड़ता
ü पर्यावरण संतुलन बना रहता
है
ü भविष्य के लिए इन्हें बनाए
रखना
ü भविष्य के लिए जीन-बैंक का
बनाना
ü जीव-जन्तुओं से मनोरंजन भी
किया जाता हँ
ü हमारी प्राकृतिक विभिन्न
लोगों को कुछ अलग या नया करने की प्रेरणा देती हँ जैसे कविताएँ लिखने के लिए और
कलाकार को आदि