धातु और अधातु metal or non-metal
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सभी पदार्थो को दो भागों
में बाँटा जा सकता है - धातु और अधातु तथा ये दोनों अपने भौतिक और रासायनिक
गुणों में अलग – 2 होते है
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धातु – कठोर, चमक, तन्यता और आघात-वर्धनीय होती है यह ऊष्मा और
विधुत के चालक होते है सभी धातु एक क्क्ष ताप पर कठोर होता है परन्तु पारा ही
क्क्ष ताप पर तरल होता है
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अधातु – इनमें कोंई चमक नहीं होती और सभी अवस्था (ठोस, तरल, गैस)
में पाए जाते है ये ऊष्मा और विधुत के कुचालक, भुरभुरे और आवाज़ रहित होते है तथा
निम्न गलनांक होता है
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धातु वातावरण में आँक्सीजन से
मिलकर (क्रिया करके) क्षारीय आँक्साइड का निर्माण करती है
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अधातु वातावरण में आँक्सीजन
से मिलकर (क्रिया करके) अम्लीय आँक्साइड का निर्माण करती है
जबकि पानी के साथ ये अभि-क्रिया नहीं करती
धातु और अधातु metal non-metal |
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लोहे को जंग लगना – वायु और पानी के साथ क्रिया करके
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कुछ अधातु और पानी के मध्य
अभि-क्रिया भी होती है सोडियम बहुत जल्दी से पानी के साथ अभि-क्रिया करके
हाइड्रोजन और सोडियम हइड्रो-आँक्साइड बनाता है,
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सोडियम को रखने का स्थान – मिट्टी का तेल
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फास्फोरस - वायु के साथ मिलकर सक्रिय है, इसीलिए इसे जल में रखा
जाता है
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काफी धातु अम्लो जैसे
हइड्रोक्लोरिक से मिल करके हाइड्रोजन का निर्माण करती है
ü सोना, चांदी और तांबा आदि पर अम्लो का कोंई असर नहीं होता
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धातु की जल, वायु और अम्लों
के साथ अभि-क्रिया होती रहती है इसी को अभि-क्रियाशील
श्रंखला कहते है
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अधिक अभि-क्रियाशील धातु कम
अभि-क्रियाशील धातु के धात्विक योगिकों को बदल देता है
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“पॉप” एक हाइड्रोजन गैस है जो ध्वनी में जलती है
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हमारे मानव शरीर को
जरूरत होती हँ –
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सोडियम, मैग्नीशियम और लोहा