राष्टीय आय
आय एक ऐसा शब्द जो सभी
देशों और उनमें रहने वाले सभी नागरिकों ( व्यक्तियों ) के आर्थिक कामों से जुड़ा
हुआ है, राष्टीय आय के अंतर्गत हम एक देश के अंदर रहने वाले सभी व्यक्तियों के
द्वारा एक निश्चित समय में किए गए आर्थिक कामों को शामिल करते है, अन्य शब्दों में
– राष्टीय आय से अभिप्राय किसी देश में एक निश्चित समय में उत्पादित की गई सभी
वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य या आर्थिक जोड़ से है,
राष्टीय आय |
मार्शल के अनुसार – एक देश
की कुल पूंजी और कुल श्रम मिलकर जब दिए हुए प्राकृतिक संसाधन के साथ मिलकर एक
निश्चित समय में बहुत सारी वस्तुओं (भोतिक और अभोतिक) का उत्पादन करते है इन सभी
के जोड़ या कुल आर्थिक योगफल को राष्टीय आय या वार्षिक आय या देश का कुल राजस्व
कहते है बहुत सी दूसरी परिभाषाऔ में हम दूसरे देश से प्राप्त आय को भी शामिल करते
है, तथा कुछ अन्य लोग उपभोग को आधार पर मापते है वे इसके अंतर्गत देश के अंदर होने
वाले कुल उपभोग को आधार मानते है क्योंकि किसी के द्वारा किया गया खर्च दूसरे की
आय होती है
राष्टीय आय को मापने की
विधियाँ –
आय विधि – किसी भी देश के सभी साधन उत्पादन की विभिन्न
विधियों में संलग्न होते है तथा इसी के बदले में उनकों आय प्राप्त होती है इसीलिए
राष्टीय आय को सभी संसाधनों की आय का जोड़ भी माना जाता है सभी संसाधनों का उत्पादन
= GDP (Gross Demostic Production), जैसे – मजदूरी या वेतन + ब्याज + लाभ +
किराया
व्यय विधि – इस विधि के अंतर्गत अर्थव्यवस्था के अंदर सभी
के द्वारा किए गए कुल व्यय को शामिल करते है इसके अंदर हम चल और अचल तथा टिकाऊ और
गैर-टिकाऊ वस्तुओं और सेवाओं पर किए गए कुल व्यय को शामिल किया जाता है
उत्पाद विधि – इसके अंतर्गत हम एक निश्चित समय अवधि में देश
की सभी उधोगों के द्वारा किया गऐ कुल उत्पादन (वस्तुओं और सेवाओं ) के जोड़ को शामिल
करते है यह GDP की मूल्य बढ़ाव विधि या मूल उधोग द्वारा साधन लागत पर GDP भी कहा
जाता है