ü विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीवों के आकार -
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जीवाणु - 0.2 से 100u
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खमीर - 5 से 10u
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शैवाल – 1u से कई मीटर
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प्रोटोजोवा – 2 से 200u
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विषाणु
- .015 से 0.2u
ü सूक्ष्मजीव प्रतिकूल समय में जीने के लिये क्या करते है –
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सभी सूक्ष्मजीव बहुत ही कठोर और सख्त होते है विपरीत
समय में जैसे सूखे या अधिक ऊषमा में अपने चारों तरफ एक सख्त आवरण या कवच बना लेते
है और जिंदा रहते है ये अन्दर अक्रियाशील हो जाते है और अनुकूल समय का इंतजार करते
है और फिर ये बहुविखंडन से गुणन करते है
विषाणु और सूक्ष्मजीव में विभिन्नता |
ü विषाणु और सूक्ष्मजीव में विभिन्नता –
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विषाणु सबसे छोटे आकार के सूक्ष्मजीव होते है
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ये सूक्ष्मजीव सजीव और
निर्जीव की सीमा पर होते है, ये केवल पोषि के शरीर में ही प्रजनन करते है
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ये हानिकारक होते है और कई रोग फलाने के लिए
कारक होते है
ü विषाणु सजीव की सीमा पर
होते है क्योंकि –
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इन में न्यूक्लीय अम्ल पाया जाता है
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ये सजीव की तरह वृद्धि और प्रजनन करते है
ü विषाणु निर्जीव की सीमा पर
होते है क्योंकि -
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इन में केन्द्रक और जीव द्रव्य नहीं होता
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इन्हें दानों में बदला जा सकता है जैसे नमक और
चीनी के दाने
ü कवक दो प्रकार के होते है
खमीर और उल्ली
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खमीर – ये एक कोशिक होते है
- आकार 5 से 10u
- ये वायुवयी और अवायुवयी
होते है
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उल्ली – ये बहुकोशिक होते है
- आकार 2 से 10u
- ये वायुवयी होते है