जनसुविधाएँ
जनसुविधाओं
से अभिप्राय उन सभी मूलभूत सुविधाओं से है जो लोगों को जीने के लिए चहिए जैसे
स्व्च्छता, पानी, बिजली, सार्वजनिक परिवहन और स्कूल आदि! ये जनसुविधाएँ
हमारे जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक होती है इन के बिना जीवन बहुत ही कठिन हो जाता
है! उदहारण के लिए पानी को लेते है साफ पानी की उपलब्धता सभी के लिए होना अति-आवश्यक
है यदि साफ पानी नहीं मिलता तो लोगों में बहुत सी बीमारियाँ फैलने का डर होता है
जैसे दस्त, पेचिसी और हैजा आदि! पानी से सम्बंधित बीमारियों के कारण भारत में
1600 लोग हर रोज मरते है और इनमें ज्यादातर बच्चे होते है जिस देश में जन सुविधाओं
की पहुँच अधिक लोगों तक होगी वह पर लोगों के अंदर बिमारियां भी कम होती है और
म्रत्यु दर भी कम होती है
जनसुविधाएँ |
जन सुविधाओं
की एक विशेषता यह होती है की एक बार बनने पर इसकी पहुँच बहुत अधिक लोगों तक और
इनका प्रयोग भी अधिक समय तक किया जा सकता है! जैसे स्कूल बनने से कितने अधिक
बच्चों को इसका फायदा होता है! गाँव में बिजली आने से लोग खेंतो के लिए पम्प सेट
चला सकते है! बच्चों के पढनें में आसानी और लोग अपने काम करने के लिए वर्कशाप खोल
सकते है!
जनसुविधाओं में सरकार की भूमिका –
सभी प्रकार की
जन सुविधाओं का दायरा बहुत अधिक होता है इसीलिए इन को बिना ज़िमेदारी के नहीं छोड़ा
जा सकता! जन सुविधाएं इतनी अधिक महत्वपूर्ण होती है की सरकार ही इनको पूरा करने
की ज़िमेदारी अपने उपर लेती है ताकि बिना किसी भेदभाव के सभी को इन सुविधाओं की
उपलब्धता कराई जा सकें! जैसे स्कूल और अस्पताल - यदि इन जिम्मेदारियों को
कम्पनियों के लिए छोड़ दिया जाए तो ये कम्पनियां अपनी निजी हित के लिए काम कर सकती
और विभिन्न लोगों के मध्य भेदभाव कर सकती है और मन-माने ढंग से पैसे उसूल कर सकती
है और यह देश के नागरिकों के मुलभुत अधिकारों का हनन होगा!
सरकार बजट के माध्यम से अपने खर्च और आय को बताती है और पिछलें साल क्या खर्च किया और आने वाले समय
में क्या खर्च होना है यह सब बजट के माध्यम से बताती है सरकार की मुख्य आय जनता
से होने वाली करों की प्राप्ति है और इस पैसे को जनता की भलाई या जनसुविधओं के
विस्तार पर खर्च करने का सरकार की पास पूरा अधिकार होता है