स्फीति के प्रकार types of inflation इन्फ्लेशन ke prkar
मुद्रा
की मात्रा को अत्यधिक बढ़ाने के फलस्वरूप कीमतों में होने वाली तेज वृद्धि, यह
समस्या अर्थव्यवस्था पर मोद्रिक नियन्त्रण नहीं होने पर पैदा होती है और बाजारों
को बहुत नुकसान पहुंचती है! किसी भी मंद अर्थव्यवस्था में ज्यों – 2 मुद्रा की
आपूर्ति बढ़ाते है तो उत्पादन, रोजगार और मांग में समान वृदि होती है परन्तु कुछ
समय के बाद ये सभी समान रूप से वृद्धि नहीं होती तथा अर्थव्यवस्था पर घटते प्रतिफल
का नियम लागू होता है और समस्या के साथ कीमतों में वृद्धि होने लगती है!
स्फीति के प्रकार types of inflation |
स्फीति के विभिन्न प्रकार
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मांग के कारण - किसी भी अर्थव्यवस्था में मांग के अनेक कारण
हो सकते है जैसे उपभोग, निवेश और सरकार के द्वारा की गई मांग! जब पूर्ण रोजगार के
स्तर पर समस्त मांग में वृद्धि होती है तो मांग और पूर्ति में अन्तराल पैदा होता
है तो समस्त मांग और समस्त पूर्ति में यह अंतर जो मांग के कारण पैदा होती है इसे
ही मांग-जन्य स्फीति ( Demand Pull Inflation ) कहते
है!
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लागत के कारण – जब स्फीति
लागतों में वृद्धि के कारण पैदा होती है तो उसे लागत-जन्य स्फीति कहते है! श्रम की
उत्पादकता की अपेक्षा उसकी मजदूरी में अधिक वृद्धि होना ही इस स्फीति का मुख्य
कारण है! लागत में वृद्धि के कई कारण हो सकते है जैसे दैनिक मजदूरी अधिक करवाना (Wage-push), अधिक लाभ की इच्छा (profit-push) और अन्य कारणों से !
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संरचनात्मक स्फीति – एक विकाशील
अर्थव्यवस्था में यह स्फीति पैदा होती है जब कृषि में आय से ज्यादा दूसरे क्षेत्र
में वृद्धि अधिक होती है तथा जनसंख्या में वृद्धि के कारण भी, प्रारंभिक मांग में
वृद्धि होती है, परन्तु पूर्ति बे-लोच होने के कारण आपूर्ति नहीं बड़ा पाते और
कीमतों में वृद्धि होती है जिससे संरचनात्मक स्फीति (Structural Inflation) पैदा
होती है, इसके अनेक कारण हो सकते है जैसे सिंचाई व्यवस्था का न होना, वित्त का न होना, सही विपणन और वितरण का न होना
और खराब फसलों का होना आदि !
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मूल्य बढ़ाव स्फीति – श्रम
अपनी निर्वाह लागत से कुछ अधिक मूल्य-बढ़ाव की अपेक्षा करता है तथा एक व्यापारी भी
अपनी लागतों के उपर एक लाभ की अपेक्षा करता है इस प्रकार एक आनुपातिक कीमतें
(मूल्य बढ़ाव स्फीति या Mark Up Inflation) निश्चित की जाती है!
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खुली स्फीति (Open Inflation) – जब बाजार में बिना किसी हस्तक्षेप के वस्तुओं और सेवाओं
की कीमते निरधारित होती है या जब बाजार स्वतंत्र के रूप में कार्य करते है तो इसे खुली
स्फीति (Open Inflation) कहते है यह पूर्णत बाजार
पर निर्भर करती है!
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बंद या दमित या निरुद्ध
स्फीति (Suppressed Inflation) – जब खुली स्फीति को रोकने
के लिए सरकार द्वारा अनेक कार्य किए जाते है जिसे हम बंद या दमित या निरुद्ध
स्फीति (Suppressed Inflation) कहते है!
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गतिहीन स्फीति ( Stagflation ) – जब अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी या गतिहीनता के साथ – 2 स्फीति
की ऊंची दर भी पाई जाती है तो उसे गतिहीन स्फीति ( Stagflation ) कहते है