स्फीति
का प्रभाव effect of inflation on society
मुद्रा
की मात्रा को अत्यधिक बढ़ाने के फलस्वरूप कीमतों में होने वाली तेज वृद्धि, यह
समस्या अर्थव्यवस्था पर मोद्रिक नियन्त्रण नहीं होने पर पैदा होती है और बाजारों
को बहुत नुकसान पहुंचती है! किसी भी मंद अर्थव्यवस्था में ज्यों – 2 मुद्रा की
आपूर्ति बढ़ाते है तो उत्पादन, रोजगार और मांग में समान वृदि होती है परन्तु कुछ
समय के बाद ये सभी समान रूप से वृद्धि नहीं होती तथा अर्थव्यवस्था पर घटते प्रतिफल
का नियम लागू होता है और समस्या के साथ कीमतों में वृद्धि होने लगती है!
स्फीति का प्रभाव effect of inflation |
Inflation is totally a
monetary function and its effect every part of our economics (society).
Inflation is only be produced by increasing in the quantity of money than
output. From different – 2 point of views; some-one has a profit from the
inflation or some-one in loss.
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लोन लेने वाला और देने वाला – स्फीति से कर्जदारों को लाभ होता है क्योंकि कर्ज
की रकम समान होती है और मुद्रा का मूल्य गिर जाता है तथा वस्तुओं और सेवाओं के रूप
में कम देना पड़ता है, दूसरी तरफ, कर्ज देने वाले को हानि होती है मुद्रा की
रकम तो उतनी ही मिलती है परन्तु उसका मूल्य गिर जाता है
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एक निश्चित वेतन लेने
वाले को हानि होती है क्योंकि कीमतों के साथ अपने वेतन को नहीं बढ़ावा-पाते और
ऊँची कीमतों के साथ समायोजन करते है
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मजदूर – वर्ग को हानि ही होती है यह इस बात पर निर्भर करता है की वो अपनी मजदूरी
कों कितना जल्दी अधिक करवा पाते है और बढ़ती कीमतों के साथ समायोजन कर पाते है, मजबूत
संग्ठन होने के बाद भी, कीमतों में वृद्धि और मजदूरी में वृद्धि में समय सीमा ( time leg) लगती है
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निवेशक – एक इक्विटी या शेयर धारक को स्फीति के कारण लाभ
होता है क्योंकि इन्हें स्थिर दर से ब्याज नहीं मिलता बल्कि कीमतों में वृद्धि से
व्यापार को होने वाले लाभ का हिस्सा मिलता है
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कृषि करने वाले – इन्हें हम
तीन भागों में बाटेंगे –
· जमीदार – इन्हें हानि होती है क्योंकि इन्हें पहले से तय
किया गया लगान मिलता है
· भूमि-धर किसान – इन्हें लाभ होता है क्योंकि उत्पादन की लागतों के
बजाय उत्पादन की कीमतों में अधिक वृद्धि होती है
· भूमिहीन किसान – इन्हें हानि होती है क्योंकि वस्तुओं की कीमतों
में अधिक वृद्धि होती है ना कि मजदूरी में,
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व्यापारी – सभी उत्पादकों, व्यापारियों और सम्पदा रखने वालो को
स्फीति या कीमतों में वृद्धि से लाभ होता है
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सरकार को इससे लाभ और
हानि दोनों होती है क्योंकि यह मुख्य कर्ज लेने / देने वाली होती है