वितीय बाजार Financial Market
वितीय बाजार एक प्रकार की व्यवस्था होती है जिसमें वितीय परिसम्पत्तियों का अलग – 2 प्रकार से लेन देन होता है जैसे जमा, बांड, बिल, लोन लेना और सरकारी प्रतिभूतियों का आदान-प्रदान होता है, (A market where people trade different financial share or
security or commodities or other valuable items with low cost and according to their
demand or supply. We include different items like share or bond or valuable metal
or agri etc.) हमारे वितीय बाजार को चलाने का काम हमारे बैंक, गैर – बैंक संस्थाएं, म्यूच्यूअल फंड, मर्चेंट बैंक और केन्द्रीय बैंक द्वारा किया जाता है, अपने वितीय बाजार को हम कई भागों में बाँट सकते है जैसे –
वितीय बाजार Financial Market |
ü प्राथमिक और दितीयक बाजार (Primary or Secondary Market) – हम इसे इक्विटी बाजार बजी कहते है, किसी भी वितीय बाजार को दो भागों में बांटा जा सकता है - प्राथमिक और दितीयक बाजार ! प्राथमिक बाजार – वह बाजार होता है जहां पर पहली बार या नए जारी किए गए शेयर को खरीदा और बेचा जाता है, दितीयक बाजार – इसमे पहले से मोजूद या प्रचलितं परिसम्पत्तियों का लेन-देन होता है.
ü मुद्रा और पूंजी बाजार (Money or Capital market) – इसे हम बाजारों का कार्यात्मक वर्गीकरण भी कहते है, कई बार हम बाजार को कम/अधिक समय या अल्पकालीन और दीर्घकालीन परिसम्पत्तियों के लेन देन के रूप में भी देखते है अल्पकालीन परिसम्पत्तियों के बाजार को हम मुद्रा बाजार कहते है, दीर्घकालीन परिसम्पत्तियों के बाजार को हम पूंजी बाजार कहते है
ü वितीय सेवाएँ (Financial Service) – विभिन्न व्यक्तियों और फर्मे, कई प्रकार कि वितीय सेवाओं का प्रयोग बैंक और दलालों के माध्यम से करते है, ये लोन और इक्विटी बाजार से सम्बन्धित कार्यो का विस्तार करते है तथा जमा और आहरण की सुविधा भी प्रदान करते है,
ü लोन बाजार (Dept Market) – लोन बाजार के अनुसार, एक समय में दो लोगों में मध्य निधियों का लेन सेन होता है तथा उधार देने वाला एक निश्चित समय के लिए निधियां किसी को देता है और लेने वाला एक निश्चित समय पर उधार और ब्याज देना स्वीकार करता है, लोग अपनी आवश्कता के अनुसार लोन लेते है तथा कम्पनी बांड के माध्यम से नई पूंजी को निवेशकों से लेती है