कानून और सामाजिक न्याय
सामाजिक
न्याय और कानून एक गहरा रिश्ता होता है जैसे सभी के लिए समान आगे बढ़ने के अवसर
होगें और यदि ऐसा नहीं होता है तो इस प्रकार के कानून का निर्माण किया जाए ताकि
सभी के आगे बढ़ने के समान अवसर मिल सकें और सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिल सकें! कई
बार कम्पनियां मजदूरों को कम मजदूरी देते है या नहीं भी परन्तु एक कानून का
निर्माण किया गया है जिसकें माध्यम से यह व्यवस्था की गई है की सभी को एक न्यूनतम
वेतन मिलना चाहिए और एक निश्चित समय के बाद उस में वृद्धि भी होनी चाहिए! इसीलिए
समाज में शोषण को रोकने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार के
कानूनों का सहारा लेने अति आवश्यक हो जाता है! मौलिक अधिकारों की रक्षा और सामाजिक
न्याय को बढ़ावा देने के लिए कानूनों का निर्माण करना और उनका पालन करना और जो लोग
उनका पालन नहीं कर रहें हो उन पर उचित कार्यवाही करना सरकार की ज़िमेदारी बन जाती
है
कानून और सामाजिक न्याय |
विभिन्न सुरक्षा के कानूनों पालन – किसी
भी कानून का केवल बना देना ही काफी नहीं होता बल्कि उसको उचित प्रकार से लागू करना
भी अति आवश्यक होता है तभी हम सामाजिक न्याय को बढ़ावा दे सकते है! उदहारण के लिए
मान लेते है की मजदूरों को कम मजदूरी दी जा रही है तो सरकार अपनी विभिन्न संस्थाओं
के माध्यम से निरीक्षण करा सकता है उचित कार्यवाही कर सकती है!
काम करते
समय सुरक्षा के कानूनों का पालन करना भी अति आवश्यक होता है जैसे कारखानों में
उचित सुरक्षा के उपकरणों का होना और उचित प्रकार से साफ हवा का होना आदि! यदि हम
अपने कारखानों में उचित सुरक्षा के उपकरणों का पालन करते है तो हम कारखानों में
होने वाले विभिन्न हादसों को भी रोक सकते थे! जैसे भोपाल के महाविनाश में हमनें
देखा की सुरक्षा के उपकरणों की अनदेखी की गई थी जिससे हमारे देश को कितना बढ़ा
नुकसान उठाना पड़ा! यदि हम अपने सुरक्षा के उपकरणों पर ज्यादा ध्यान देते है तो
इससे हम अपने मजदूरों की कीमत को समझ सकते है यह अलग बात है की भारत में सस्ता
श्रम है और एक मजदूर की स्थान पर दूसरा हमे आसानी से मिल जाता है और पहले से सस्ता
भी! परन्तु हमे अपने मजदूरों की सुरक्षा के साथ नहीं खेलना चाहिए और सुरक्षा के
मानकों का पूरी तरह पालन करना चाहिए जैसे की विदेशों में होता है!
पर्यावरण की रक्षा –
पहले इस
प्रकार के कानून कम और उनको लागू करने का प्रबंध भी बहुत ही कमजोर होता था कारखाने
हमारे वातावरण को दूषित करते रहते थे और हवा और पानी के स्रोतों को भी दूषित करते
रहते थे! परन्तु पिछलें समय में हुई कई कारखानों की दुर्घटनाओं ने इस तरफ ध्यान
आकर्षित किया है! सुरक्षा मानकों में ढील के कारण ही कारखानों को फायदा मिलता और
उन्हें प्रदूषण के लिए और उसे रोकने के लिए भी खर्च नहीं करना पड़ता था! जैसे की
भोपाल में यूनियन कार्बाइड को मिला और हमारी कमजोरियों और उस के परिणामों को भी हम
देख चुकें है!
इसीलिए
हम कह सकते है की पर्यावरण की रक्षा और सुरक्षा के उपकरणों के साथ हमे खिलवाड़ नहीं
करना चाहिए!
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