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30/05/2015

science 8th class science सूक्ष्मजीव रोगाणु नाइट्रोजन चक्र वाहक और सूक्ष्मदर्शी

ü  प्रोटोजोवा – यह एक कोशिका सूक्ष्मजीव है, जो पेचिसी और मलेरिया रोग फलते है

ü  कवक – कवक सूक्ष्मजीव पादप है, जो हरे नहीं होते और खाद्य पदार्थ को संदूषित करते है

ü  विषाणु – ये सूक्ष्मजीव सजीव और निर्जीव की सीमा पर होते है, ये केवल पोषि के शरीर में ही प्रजनन करते है

ü  जीवाणु – ये बहुत ही छोटे आकार के होते है और हर स्थान पर पाए जाते है, ये स्वपोसी और परपोषी दोनों हो सकते है

ü  खमीर – यह एक कोशिक कवक है, इसका प्रयोग किण्वन दवारा बियर, शराब और दूसरे पयेजल बनाने में किया जाता है 

ü  राइजोबियम – यह एक जीवाणु है, जो नाइट्रोजन ठहराव में मदद करता है यह फलीदार पौधों की जड़ गरंथी में पाया जाता है

ü  मिटटी की उर्वरकता – नाइट्रोजन पोषक तत्व की आपूर्ति ही मिटटी की उर्वरकता है, यह जीवाणु और नीले हरे शैवाल द्वारा होती है

ü  सूक्ष्मजीव – बहुत ही छोटे आकार के और जिन्हें केवल सूक्ष्मदर्शी से ही देखा जा सकता है यह सभी स्थान पर पाए जाते है

सूक्ष्मजीव, रोगाणु, नाइट्रोजन चक्र, वाहक  और सूक्ष्मदर्शी
सूक्ष्मजीव, रोगाणु, नाइट्रोजन चक्र, वाहक  और सूक्ष्मदर्शी

ü  लेक्टोबेसिलस – ये जीवाणु दूध को दही में बदलते है

ü  वाहक – वे जीव या कीट, जो रोग फलने वाले सूक्ष्म जीवो को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जाते है

ü  प्रतिरक्षी – हमारा शरीर रोगाणु से लड़ने के लिए प्रतिरक्षी उत्पान करता है

ü  टिका – यह मृत या बहुत कमजोर सूक्ष्मजीव जिन्हें एक अच्छे व स्वस्थ शरीर में स्थापित किया जाता है

ü  रोगाणु – जो सूक्ष्मजीव रोग फलाते है

ü  किण्वन – चीनी को बियर, शराब और दूसरे पयेजल बनाने में सूक्ष्मजीव खमीर दुवारा बदलने की क्रिया को किण्वन कहते है

ü  नाइट्रोजन ठराव (फिक्सेशन) – सूक्ष्मजीवो दुवारा वायु में उपस्थित नाइट्रोजन को नाइट्राइट और नाइट्रेट में बदलने की क्रिया को नाइट्रोजन सिथ्रिकरण ( ठराव ) कहते है ये सब राइजोबियम जीवाणु दुवारा होता है


ü  नाइट्रोजन चक्र - सूक्ष्मजीवो दुवारा वायु में उपस्थित नाइट्रोजन का सिथ्रिकरण ( ठराव ), नाइट्रीफीकेसन और डी-नाइट्रीफीकेसन जैसी कई प्रक्रिया दुवारा वापस नाइट्रोजन के रूप में वायु मंडल में प्रवेश करने के चक्र को नाइट्रोजन चक्र है 

science 8th class science सूक्ष्मजीव जीवाणु कवक प्रोटोजोवा शैवाल और विषाणु

सूक्ष्मजीव – मित्र या शत्रु

ü  सूक्ष्मजीव बहुत ही छोटे जीव होते हे जीने केवल सूक्ष्मदर्शी से ही देखा जा सकता है

ü  सूक्ष्मजीव  - किसी भी मौसम में या किसी भी स्थान पर जीवित रह सकते हे जैसे गर्म स्थान , बर्फीला पानी, लवण-जल, रेगिस्तानी मिटटी और दलदली मिटटी

ü  सूक्ष्मजीव विभिन्न प्रकार के होते हे जैसे जीवाणु, कवक, प्रोटोजोवा, शैवाल और विषाणुओं आदि

ü  सूक्ष्मजीव – सभी प्रकार के आवासों में पाए जाते हे, यह एक कोशिका होती हे जो अकले या समूह में भी पाई जाती है इनका हमारे जीवन में बहुत महत्व होता हे

ü  जीवाणु –
·         बहुत छोटे और हर स्थान पर पाए जाते है
·         इनका व्यास का आकार एक मिलीमीटर के एक हजारवें भाग का 1.25 गुणा होता है
·         ये तीन प्रकार के होते हे जैसे छड़ीदार, गोल और कुंडलीनुमा
·         ये परपोषी और स्वपोसी हो सकते हे
·         ये कोशिका विखंडन से प्रजनन करते हे

सूक्ष्मजीव, जीवाणु, कवक, प्रोटोजोवा, शैवाल और विषाणु
सूक्ष्मजीव, जीवाणु, कवक, प्रोटोजोवा, शैवाल और विषाणु



ü  शैवाल और जीवाणु में कई समानता पाई जाती हे

ü  सईनों-बैक्टरिया वातावरणीय नाइट्रोजन को स्थिर कर मिटटी की उपजाऊ ताकत को बढ़ाते है

ü  डायटम एक सूक्ष्म - शैवाल होता है जो झरनों, तलछट और समुंद्र में पाया जाता है

ü  कवक परजीवी तथा मृतजीवी होते हें

ü  कुछ कवक खाद्य-पदार्थ, चमडा, काग़ज और कपडे को खत्म करते हे तो कुछ फसल और जानवरों के लिए भी घातक होता है

ü  खमीर एक कोशिक और परजीवी कवक हे जिसका प्रयोग किण्वन दवारा बियर, शराब और दूसरे पयेजल बनाने में किया जाता हे

ü  विषाणु एक कोशिक मृतजीवी हे जो कोशिका में गुणन करने की ताकत रखता है

ü  प्रोटोजोवा एक कोशिक सूक्ष्मजीव हे जो पेचिस और मलेरिया जैसे रोग फैलाते है

ü  भोजन विषाक्तता – सूक्ष्मजीव द्वारा ख़राब भोजन के खाने से होता है

ü  भोजन पर वृद्धि करने वाले सूक्ष्मजीव विषैले पदार्थ बनाते हे

ü  भोजन के संरक्षण के मुख्य तरीके – नमक मिलाना, चीनी मिलाना, तेल और सिरका मिलाना, गर्म और ठंडा करने की विधियॉं