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प्रोटोजोवा – यह एक कोशिका सूक्ष्मजीव है, जो पेचिसी और मलेरिया रोग
फलते है
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कवक – कवक सूक्ष्मजीव पादप है, जो हरे नहीं होते और खाद्य
पदार्थ को संदूषित करते है
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विषाणु – ये सूक्ष्मजीव सजीव और निर्जीव की सीमा पर होते है, ये
केवल पोषि के शरीर में ही प्रजनन करते है
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जीवाणु – ये बहुत ही छोटे आकार के होते है और हर स्थान पर पाए
जाते है, ये स्वपोसी और परपोषी दोनों हो सकते है
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खमीर – यह एक कोशिक कवक है, इसका प्रयोग किण्वन दवारा बियर,
शराब और दूसरे पयेजल बनाने में किया जाता है
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राइजोबियम – यह एक जीवाणु है, जो नाइट्रोजन ठहराव में मदद करता है यह
फलीदार पौधों की जड़ गरंथी में पाया जाता है
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मिटटी की उर्वरकता – नाइट्रोजन पोषक तत्व की आपूर्ति ही मिटटी की उर्वरकता
है, यह जीवाणु और नीले हरे शैवाल द्वारा होती है
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सूक्ष्मजीव – बहुत ही छोटे आकार के और जिन्हें केवल सूक्ष्मदर्शी से
ही देखा जा सकता है यह सभी स्थान पर पाए जाते है
सूक्ष्मजीव, रोगाणु, नाइट्रोजन चक्र, वाहक और सूक्ष्मदर्शी |
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लेक्टोबेसिलस – ये जीवाणु दूध को दही में बदलते है
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वाहक – वे जीव या कीट, जो रोग फलने वाले सूक्ष्म जीवो को एक
स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जाते है
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प्रतिरक्षी – हमारा शरीर रोगाणु से लड़ने के लिए प्रतिरक्षी उत्पान
करता है
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टिका – यह मृत या बहुत कमजोर सूक्ष्मजीव जिन्हें एक अच्छे व
स्वस्थ शरीर में स्थापित किया जाता है
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रोगाणु – जो सूक्ष्मजीव रोग फलाते है
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किण्वन – चीनी को बियर, शराब और दूसरे पयेजल बनाने में सूक्ष्मजीव
खमीर दुवारा बदलने की क्रिया को किण्वन कहते है
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नाइट्रोजन ठराव (फिक्सेशन) – सूक्ष्मजीवो दुवारा वायु में उपस्थित नाइट्रोजन को नाइट्राइट
और नाइट्रेट में बदलने की क्रिया को नाइट्रोजन सिथ्रिकरण ( ठराव ) कहते है ये सब राइजोबियम
जीवाणु दुवारा होता है
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नाइट्रोजन चक्र - सूक्ष्मजीवो दुवारा वायु में उपस्थित नाइट्रोजन का सिथ्रिकरण
( ठराव ), नाइट्रीफीकेसन और डी-नाइट्रीफीकेसन जैसी कई प्रक्रिया दुवारा वापस नाइट्रोजन
के रूप में वायु मंडल में प्रवेश करने के चक्र को नाइट्रोजन चक्र है
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