ü बीज बोने से पहले मिटटी को
पलटना या हल चलाना –
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पौधों की जड़े आसानी से नीचे तक फैल जाती हे, तथा
आसानी से सास ले सकती हे
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पौधे मजबूती से मिटटी में पकड़ बनाते हे,
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हल चलने से मिटटी नीचे तक हिल जाती हे और पूरी
या आंशिक मिटटी पलट जाती हे
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हल चलाने से मिटटी पोली हो जाती हे तथा पहली उपज
के अवशेष बाहर आ जाते हे
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कई बार हल चलने से खरपतवार हट जाती हे और
हानिकारक जीव खत्म होते है
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हल चलाने से मिटटी नरम, साफ और फसल उगने योग बन
जाती है
कृषि पद्धतियाँ, मिटटी को पलटना या हल चलाना |
ü मुख्य या विशेष कृषि
पद्धतियाँ –
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हल चलाना
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बुआई
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पानी देना
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खाद डालना
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निराई
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फसल की सुरक्षा
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कटाई और भंडारण
ü फसल की उपज बढानें के लिए
उपाए या तरीके –
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अच्छे बीज का प्रयोग करना
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मिटटी में उर्वरक का मिलाना
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खरपतवार को रोकना
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पौधों का रोगों से बचाना
ü मिश्रित उर्वरक, प्रयोग और
भंडारण –
जो उर्वरक एक साथ कई प्रकार के पोषक पदार्थ की आपूर्ति करे, उसे मिश्रित
उर्वरक कहते है! जैसे NPK- नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटासियम और CAN- कैल्शियम, अमोनिया नाइटेट आदि! भूमि पर लगातार
हो रही उपज से मिटटी में पोषक पदार्थ की कमी हो जाती है जिसे पूरा करने के लिए मिश्रित
उर्वरक डाले जाते हे, ये उर्वरक नमी प्रिय होते हे और पानी को सोख लेते हे तथा बाद
में प्रयोग नहीं किए जा सकते, इसलिए इन उर्वरको को भंडारण सूखे स्थान पर करना चाहिए
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