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29/05/2015

science 8th class science फसलों पनीरी या पौध मूल आवश्यकताएँ और अनाज भंडारण

ü  कीटनाशक – यह फसलों पर कीटो के प्रभाव को रोकता है, यह मानव-शरीर पर भी प्रभाव डालता है जैसे डी. डी. टी.(DDT)

ü  खरपतवार नाशक – यह उपज के साथ उगे आए अन्य पौधों को मारता है, यह मानव-शरीर पर भी प्रभाव डालना और भोजन में भी शामिल हो जाता है, जैसे २ -४डी (2-4D), बुटाक्लोर!

फसलों, पनीरी या पौध,  मूल आवश्यकताएँ
फसलों, पनीरी या पौध,  मूल आवश्यकताएँ

ü  पनीरी लगाना – बहुत सी फसल को सीधे खेत में नहीं लगया जाता, पहले उनके बीजो को छोटे भू-भाग पर लगाया जाता है तथा छोटे पौधे या पनीरी या पौध तैयारे की जाती है फिर इन्हे छोटे भू-भाग से खेत में लगा दिया जाता है इसे पनीरी लगाना कहते है!
   
ü  उपज उगने की मूल आवश्यकताएँ
·         उचित किस्म की मिटटी
·         खाद का उपयोग,
·         पानी और अच्छा बीज,
·         औजार और रोगों का उपचार !

ü  सभी फसलो को अलग – अलग इसी लिए उगया जाता हे क्योंकि सभी फसलो को उगने के लिए  अलग – अलग मात्रा में प्रकाश, पानी, हवा चाहिएं !

ü  अनाज भंडारण की विधि
·         किसान द्वारा धातु या मिटटी के डिब्बे में अनाज का भंडारण करना, इसे अनाज घर कहते है!
·         अनाज को सीमेंट के कमरों में रखा जाता हे जिसे गोदाम कहते है!   
·         कुछ फलों और सब्जियों को निम्न ताप पर रखा जाता है जिन्हें शीत- भंडारण कहते है

ü  बीज बोते समय निम्न बिन्दुओ का ध्यान रखना चाहिए
·         बीजो का उचित गहरीकरण
·         समय पर पानी
·         उचित समय पर खाद
·         खरपतवारों का न होना
·         कीटनाशक का न होना
·         उचित प्रकाश

ü  रासायनिक उर्वरक हानिकारक हो सकते हे क्योंकि –
·         मिटटी की प्राकतिक उपजाऊ ताकत को कम करते है
·         मिटटी के रसायन बदल जाते है

·         रसायन उपज में शामिल हो जाते हे और भोजन के माध्यम से इंसान और जानवरों को हानि पहुचते है  

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