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05/06/2015

science 8th class science मलेरिया विषाणु पर प्रतिजैविको नाइट्रोजन


ü  हमारे वायुमण्डल में 78% नाइट्रोजन  होती है

ü  किण्वन क्रिया में खमीर द्वारा इथाइल एल्कोहल और कार्बन डाई आक्साइड ज्यादा मात्रा में उत्पादन किया जाता है

ü  विषाणु पर प्रतिजैविको का प्रभाव नहीं होता –
·         क्योंकि उनका अपना उपापचय नही होता

 मलेरिया , विषाणु पर प्रतिजैविको
 मलेरिया , विषाणु पर प्रतिजैविको

ü  रोग जो विषाणुओं द्वारा फलाए जाते है
·         पोलियो, पेचिसी, सर्दी और जुकाम, फ्लू, खसरा, रेबीज, चेचक, एंफ्लूएंजा और आलू का मोसेक

ü  लाल शैवाल पोरिफाइरा खाने में प्रयोग किया जाता है

ü  जीवाणु विज्ञान और टिकाकरण के ख़ोज कर्ता ( जनक ) –
·         लुईस पास्चर

ü  जीवाणुओं को सबसे पहले सूक्ष्मदर्शी द्वारा किसने देखा –
·         एंटान वैन लियुवन हाक

ü  लाल शैवाल के द्वारा अगार बनाया जाता है

ü  मलेरिया कोन से प्रोटोजोवा द्वारा फलाया जाता है –
·         प्लाज-मोडियम वावैक्स

ü  प्रोटोजोवा कई प्रकार के होते है –
·         अमीबा, पैरामीसियम, यूगलिना

ü  शैवाल स्वपोषी होते है

ü  सभी कवक परपोषी होते है

ü  बी. सी. जी. और टिपल वैक्सीन – दोनों को प्रति जैविक के रूप में जाना जाता है

ü  सभी विषाणु एक आकार के नहीं होते तथा इन्हें सबसे पहले एबानवोअसकी (रूस ) ने देखा

ü  रिंग वर्म रोग कवक के कारण फलता है

ü  वे रोग जिन्हें टिके द्वारा रोका जा सकता है –
·         पोलियो, हैपेटाईटिस, क्षय और हैजा





04/06/2015

science 8th class science तेज गति और धीमी गति से वृद्धि और रोंग

ü  टीका और टीकाकरण –
·         किसी रोग के कमजोर या मृत प्रति की दवाईयों को टीका कहते है, दवाई के शरीर में प्रवेश करने से हमारी श्वेत रक्त कोशिकाऐ प्रति रक्षी बना कर हमारे शरीर को सुरक्षित रखते है  कृत्रिम तरीके से दवाई का शरीर में प्रवेश कराना ही टीकाकरण कहलाता है ऐडवर्ड जेनर 1798 ई. में टीकाकरण को विकसित किया!


ü  प्रतिरक्षी –
·         कुछ सूक्ष्म जीवों के द्वारा इस प्रकार की क्रिया की जाती है जिनसे हमारे शरीर को रोग से लड़ने की ताकत मिलती है प्रतिरक्षी में विशेष प्रकार का प्रोतिजन होता है ये प्रतिरक्षी रोगाणुओ के साथ प्रति क्रिया करते है


ü  प्रतिरोध क्षमता –
·         शरीर को रोगों से बचाने की क्षमता ही प्रतिरोध क्षमता कहलाती है यह क्षमता ही रोग फलाने वाले जीवाणु, विषाणु और अन्य रोगों से हमारे शरीर की सुरक्षा करते है


टीका और टीकाकरण, प्रतिरक्षी, प्रतिरोध क्षमता
साइनो जीवाणु कोशिका


ü  डायटम –
·         ये सूक्ष्म जीव एक कोशिका शैवाल होते है ये समुंद्र और ताजे पानी, दोनों में पाया जाता है, ये अकेले – 2 कोशिकाओ या समूह में भी हो सकते है! ये लैगिक और अलैगिक दोनों प्रकार से जनन करते है


ü  साइनो जीवाणु कोशिका –
·         इसकी चार परतो वाली कोशिका भित्ति होती है, इसके अन्दर प्लाज्मा झिल्ली की परत का आवरण होता है जिसके अन्दर साइटो – प्लाज्मा होता है


science 8th class science रोग पैदा करने वाले जीव विभिन्न सूक्ष्मजीव

ü  जीवाणुओं में द्विविखंडन विधि से गुणन होता है

ü  रोग पैदा करने वाले जीव – रोगाणु या रोगवाहक होते है

ü  रोगाणुओं से उत्पन्न विषैला पदार्थ टाक्सिंन कहलाता है

ü  शैवाल अपना भोजन प्रकाश – संस्लेषण के माध्यम से बनाते है

ü  शैवाल का उत्पादन अगार होता है जो जीवाणु प्रवर्धन में मदद करते है

ü  शैवाल पौधों जैसे होते है जैसे मसरूम, सभी मसरूम खाने के लिए नहीं होती   

रोग पैदा करने वाले जीव
रोग पैदा करने वाले जीव


ü  प्रोटोजोवा जानवर जैसे होते है

ü  विषाणु सूक्ष्मजीव सजीव और निर्जीव की सीमा पर होते है

ü  मछलियां मुख्य भोजन के लिये कवक लेती है

ü  एंटअमीबा कोनसा रोग फलते है – अमीबा पेचिसी

ü  त्वचा रोग रिंग – वारम कोन फलता है – कवक 

ü  पौधों की जड़ो में ग्रंथियों के रूप में नाइट्रोजन सिथ्रिकरण ( ठराव ) होते है जिन्हें राइजोबियम कहते है

ü  कवक द्वारा गेहूँ के पौधों में कोनसा रोग फैलता है – रस्ट

ü  लेक्टोबेसिलस जीवाणु द्वारा दही जमाई जीती है

ü  विषाणुओं के संक्रमन द्वारा ही जुकाम फलता है

ü  अल्गजेंदर फ्लेमिग़ – 1929 में पेनसिलन की खोज की

ü  सजीवों का वर्गीकरण उनकी समान गुणों के आधार पर होता है

ü  विभिन्न प्रकार के प्रतिजीवी –
·         पेनसिलन, टेट्रासाइकलिन, ग्रेमेंसीडीन, स्टेपेट्रोमाईसिन 


02/06/2015

science 8th class science सूक्ष्मजीवो द्वारा हानिया effect from virous antibiotics

सूक्ष्मजीवो द्वारा हानिया :-

ü  यह जानवरों और पौधों में रोग फलते हे
ü  ये खाद्य पदार्थो को खराब करते है
·         यह खाद्य पदार्थ में अपघटन के द्वारा दुर्घंद वाले जीवाणु बनाता है
·         ये  विषैले योंगिक बनाते है
·         ये सभी खाद पदार्थो को ख़राब करते है  
ü  कपड़े और चमड़े आदि के खराब होने का करना

सूक्ष्मजीवो द्वारा हानिया, effect from virous
सूक्ष्मजीवो द्वारा हानिया

प्रति जैविक क्या होते है –

यह एक प्रकार की  दवाई या ओषधी होती है जो शारीर के अन्दर जाकर रक्त के माध्यम से बिना हानि पहुचाऐ जीवाणुओं को खत्म करते है! सभी प्रकार के प्रति-जैविक हमे सूक्ष्मजीव, जीवाणु या कवक आदि से मिलते है जैसे पेनसिलन (अल्गजेंदर फ्लेमिग़ - 1929), टेट्रासाइकलिन आदि

निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए –
·         डाक्टर से पूछने के बाद ले
·         दवाओं का पूरा कोर्स करे

·         प्रति जैविक ख़ासी और सर्दी पर असर नहीं करती क्योंकि ये सभी विषाणु के माध्यम से फलते है 

31/05/2015

science 8th class science हमारे जीवन में सूक्ष्मजीवो का उपयोग

ü  हैजा जीवाणु के द्वारा होता है

ü  यीस्ट का उपयोग एल्कोहल के उत्पादन में किया जाता है 

ü  स्टेप्टोमाइसिन एक प्रतिजैविक है

ü  मलेरिया परजीवी का वाहक है – मादा एनाफ्लीज मच्छर

ü  संचरण रोगों का मुख्य कारक - घरेलू मखी

ü  ब्रैड या इडली फूल जीती है क्योंकि – यीस्ट कोशिकाओ में वर्दी

ü  चीनी को एल्कोहल में परिवर्तन करने के क्रम को कहते है  - किण्वन कहते है 


सूक्ष्मजीवो का उपयोग
सूक्ष्मजीवो का उपयोग

ü  जीव और उनके कार्य –

·         जीवाणु      – प्रति जैविक उत्पादित करना
·         राइजोबियम  - नाइट्रोजन का ठहराव
·         लेक्टोबेसिलस - दूध को दही में बदलन
·         यीस्ट        - ब्रैड की बेक़ीग       
·         प्रोटोजोवा     - मलेरिया रोग फलते है
·         विषाणु       - AIDS का कारक


हमारे जीवन में सूक्ष्मजीवो का उपयोग :-

ü  जीवाणु के उपयोग –
·         दही और पनीर बनाने के लिए
·         शराब और सिरका बनाने के लिए
·         चमड़े की सफाई के लिए
ü  कवक के उपयोग –
·         डबलरोटी और केक बनाने के लिए
·         मसरूम कवक खाने के लिए
·         दवाईयों के लिए
ü  शैवाल के उपयोग –
·         डायटम की कोशिका भित्ति सिलिका का प्राकतिक रूप है
·         कई शैवाल सुमंदरी भोजन के रूप में खाए जीते है
ü  प्रोटोजोवा के उपयोग –
·         खाद्य क्रम में

·         उत्तक प्रवर्धन के लिए 

30/05/2015

science 8th class science सूक्ष्मजीव रोगाणु नाइट्रोजन चक्र वाहक और सूक्ष्मदर्शी

ü  प्रोटोजोवा – यह एक कोशिका सूक्ष्मजीव है, जो पेचिसी और मलेरिया रोग फलते है

ü  कवक – कवक सूक्ष्मजीव पादप है, जो हरे नहीं होते और खाद्य पदार्थ को संदूषित करते है

ü  विषाणु – ये सूक्ष्मजीव सजीव और निर्जीव की सीमा पर होते है, ये केवल पोषि के शरीर में ही प्रजनन करते है

ü  जीवाणु – ये बहुत ही छोटे आकार के होते है और हर स्थान पर पाए जाते है, ये स्वपोसी और परपोषी दोनों हो सकते है

ü  खमीर – यह एक कोशिक कवक है, इसका प्रयोग किण्वन दवारा बियर, शराब और दूसरे पयेजल बनाने में किया जाता है 

ü  राइजोबियम – यह एक जीवाणु है, जो नाइट्रोजन ठहराव में मदद करता है यह फलीदार पौधों की जड़ गरंथी में पाया जाता है

ü  मिटटी की उर्वरकता – नाइट्रोजन पोषक तत्व की आपूर्ति ही मिटटी की उर्वरकता है, यह जीवाणु और नीले हरे शैवाल द्वारा होती है

ü  सूक्ष्मजीव – बहुत ही छोटे आकार के और जिन्हें केवल सूक्ष्मदर्शी से ही देखा जा सकता है यह सभी स्थान पर पाए जाते है

सूक्ष्मजीव, रोगाणु, नाइट्रोजन चक्र, वाहक  और सूक्ष्मदर्शी
सूक्ष्मजीव, रोगाणु, नाइट्रोजन चक्र, वाहक  और सूक्ष्मदर्शी

ü  लेक्टोबेसिलस – ये जीवाणु दूध को दही में बदलते है

ü  वाहक – वे जीव या कीट, जो रोग फलने वाले सूक्ष्म जीवो को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जाते है

ü  प्रतिरक्षी – हमारा शरीर रोगाणु से लड़ने के लिए प्रतिरक्षी उत्पान करता है

ü  टिका – यह मृत या बहुत कमजोर सूक्ष्मजीव जिन्हें एक अच्छे व स्वस्थ शरीर में स्थापित किया जाता है

ü  रोगाणु – जो सूक्ष्मजीव रोग फलाते है

ü  किण्वन – चीनी को बियर, शराब और दूसरे पयेजल बनाने में सूक्ष्मजीव खमीर दुवारा बदलने की क्रिया को किण्वन कहते है

ü  नाइट्रोजन ठराव (फिक्सेशन) – सूक्ष्मजीवो दुवारा वायु में उपस्थित नाइट्रोजन को नाइट्राइट और नाइट्रेट में बदलने की क्रिया को नाइट्रोजन सिथ्रिकरण ( ठराव ) कहते है ये सब राइजोबियम जीवाणु दुवारा होता है


ü  नाइट्रोजन चक्र - सूक्ष्मजीवो दुवारा वायु में उपस्थित नाइट्रोजन का सिथ्रिकरण ( ठराव ), नाइट्रीफीकेसन और डी-नाइट्रीफीकेसन जैसी कई प्रक्रिया दुवारा वापस नाइट्रोजन के रूप में वायु मंडल में प्रवेश करने के चक्र को नाइट्रोजन चक्र है