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05/06/2015

science 8th class science कवक जीवाणु-भोजी कवक द्वारा रोग

ü  कवक से मिलने वाले विभन्न उत्पादन –
·         खाने वाली वस्तुओं में प्रयोग होता है जैसे चावल से इडली इर दाल से डोसा, मसरूम आदि
·         प्रति जैविक बनाए जाते है – पेनसिलीन
·         ब्रैड और केक बनाने में प्रयोग किया जाता है
·         एल्कोहल जैसे शराब और बियर बनाने में प्रयोग किया जाता है
·         पाश्चरीकरण पनीर 
·         उल्ली कवक के बीज द्वारा हमारे भोजन को खराब कर दिया जाता है
·         कुछ रोग कवक द्वारा फलते है जैसे – रिंग वर्म और एथलीट फुट 

 कवक, जीवाणु-भोजी, कवक द्वारा  रोग,
 कवक, जीवाणु-भोजी, कवक द्वारा  रोग,
 
ü  जीवाणु-भोजी किसे कहते है –
·         विषाणु परपोषि होते है जो विषाणु दूसरे जीवाणुओं पर निर्भर करते है या पोषि के शरीर में ही प्रजनन करते है  उन्हें हम जीवाणु-भोजी कहते है
ü  डबलरोटी बनाने की विधि –
·         खमीर के द्वारा ही डबलरोटी बनाई जाती है आटे में गर्म पानी और चीनी के साथ खमीर मिला कर एक मिश्रण बनाया जाता है गर्म पानी और चीनी के कारण खमीर कोशिकाओ में तेज वृद्धि होती है और यह कूलना शरू हो जाता है प्रजनन के समय खमीर CO2 उत्पान करता है  ये सभी CO2 के बुलबुले मिश्रण को फलने का काम करते है इसे पकाने पर डबलरोटी हल्की और नर्म बनती है
ü  उल्ली कवक में वृद्धि को कम करने के उपाय –
·         वस्तुओं को निम्न ताप पर रखे
·         वस्तुओं को रखने के लिए साफ और बंद डिब्बों का प्रयोग
·         शुष्क भंडारण का प्रयोग सूखी चीजों के लिए करें
·         आचार के रूप में खाद्य पदार्थो को प्रति-रक्षीत करें 
·         वायु में मिले हुए सूक्ष्मजीवों से बचना
ü  कवक होते है -
·         रंग रहित
·         बाह्य कोशिका भित्ति कवक सेलूलोज से बनी होती है
·         परपोषी
·         मृतजीवी या परजीवी
·         आर्द्र जैविक सतह पर प्रजनन
ü  शैवाल होते है –
·         रंग हरा
·         बाह्य कोशिका भित्ति कवक सेलूलोज से बनी
·         स्वपोषी
·         आवास जलिय
·         आर्द्र सतह पर प्रजनन


science 8th class science सूक्ष्म जीवों के आकार विषाणु और सूक्ष्मजीव में विभिन्नता

ü  विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीवों के आकार  -
·         जीवाणु   - 0.2 से 100u
·         खमीर    - 5 से 10u
·         शैवाल    – 1u से कई मीटर
·         प्रोटोजोवा – 2 से 200u
·         विषाणु   - .015 से 0.2u   

ü  सूक्ष्मजीव प्रतिकूल समय में जीने के लिये क्या करते है –
·         सभी सूक्ष्मजीव बहुत ही कठोर और सख्त होते है विपरीत समय में जैसे सूखे या अधिक ऊषमा में अपने चारों तरफ एक सख्त आवरण या कवच बना लेते है और जिंदा रहते है ये अन्दर अक्रियाशील हो जाते है और अनुकूल समय का इंतजार करते है और फिर ये बहुविखंडन से गुणन करते है

सूक्ष्म जीवों के आकार, विषाणु और सूक्ष्मजीव में विभिन्नता
विषाणु और सूक्ष्मजीव में विभिन्नता


ü  विषाणु और सूक्ष्मजीव में विभिन्नता –
·         विषाणु सबसे छोटे आकार के सूक्ष्मजीव होते है
·         ये सूक्ष्मजीव सजीव और निर्जीव की सीमा पर होते है, ये केवल पोषि के शरीर में ही प्रजनन करते है 
·         ये हानिकारक होते है और कई रोग फलाने के लिए कारक होते है

ü  विषाणु सजीव की सीमा पर होते है क्योंकि –
·         इन में न्यूक्लीय अम्ल पाया जाता है
·         ये सजीव की तरह वृद्धि और प्रजनन करते है

ü  विषाणु निर्जीव की सीमा पर होते है क्योंकि - 
·         इन में केन्द्रक और जीव द्रव्य नहीं होता
·         इन्हें दानों में बदला जा सकता है जैसे नमक और चीनी के दाने

ü  कवक दो प्रकार के होते है खमीर और उल्ली
·         खमीर – ये एक कोशिक होते है
-    आकार 5 से 10u
-    ये वायुवयी और अवायुवयी होते है

·         उल्ली – ये बहुकोशिक होते है
-    आकार 2 से 10u
-    ये वायुवयी होते है


science 8th class science मलेरिया विषाणु पर प्रतिजैविको नाइट्रोजन


ü  हमारे वायुमण्डल में 78% नाइट्रोजन  होती है

ü  किण्वन क्रिया में खमीर द्वारा इथाइल एल्कोहल और कार्बन डाई आक्साइड ज्यादा मात्रा में उत्पादन किया जाता है

ü  विषाणु पर प्रतिजैविको का प्रभाव नहीं होता –
·         क्योंकि उनका अपना उपापचय नही होता

 मलेरिया , विषाणु पर प्रतिजैविको
 मलेरिया , विषाणु पर प्रतिजैविको

ü  रोग जो विषाणुओं द्वारा फलाए जाते है
·         पोलियो, पेचिसी, सर्दी और जुकाम, फ्लू, खसरा, रेबीज, चेचक, एंफ्लूएंजा और आलू का मोसेक

ü  लाल शैवाल पोरिफाइरा खाने में प्रयोग किया जाता है

ü  जीवाणु विज्ञान और टिकाकरण के ख़ोज कर्ता ( जनक ) –
·         लुईस पास्चर

ü  जीवाणुओं को सबसे पहले सूक्ष्मदर्शी द्वारा किसने देखा –
·         एंटान वैन लियुवन हाक

ü  लाल शैवाल के द्वारा अगार बनाया जाता है

ü  मलेरिया कोन से प्रोटोजोवा द्वारा फलाया जाता है –
·         प्लाज-मोडियम वावैक्स

ü  प्रोटोजोवा कई प्रकार के होते है –
·         अमीबा, पैरामीसियम, यूगलिना

ü  शैवाल स्वपोषी होते है

ü  सभी कवक परपोषी होते है

ü  बी. सी. जी. और टिपल वैक्सीन – दोनों को प्रति जैविक के रूप में जाना जाता है

ü  सभी विषाणु एक आकार के नहीं होते तथा इन्हें सबसे पहले एबानवोअसकी (रूस ) ने देखा

ü  रिंग वर्म रोग कवक के कारण फलता है

ü  वे रोग जिन्हें टिके द्वारा रोका जा सकता है –
·         पोलियो, हैपेटाईटिस, क्षय और हैजा





04/06/2015

science 8th class science तेज गति और धीमी गति से वृद्धि और रोंग

ü  टीका और टीकाकरण –
·         किसी रोग के कमजोर या मृत प्रति की दवाईयों को टीका कहते है, दवाई के शरीर में प्रवेश करने से हमारी श्वेत रक्त कोशिकाऐ प्रति रक्षी बना कर हमारे शरीर को सुरक्षित रखते है  कृत्रिम तरीके से दवाई का शरीर में प्रवेश कराना ही टीकाकरण कहलाता है ऐडवर्ड जेनर 1798 ई. में टीकाकरण को विकसित किया!


ü  प्रतिरक्षी –
·         कुछ सूक्ष्म जीवों के द्वारा इस प्रकार की क्रिया की जाती है जिनसे हमारे शरीर को रोग से लड़ने की ताकत मिलती है प्रतिरक्षी में विशेष प्रकार का प्रोतिजन होता है ये प्रतिरक्षी रोगाणुओ के साथ प्रति क्रिया करते है


ü  प्रतिरोध क्षमता –
·         शरीर को रोगों से बचाने की क्षमता ही प्रतिरोध क्षमता कहलाती है यह क्षमता ही रोग फलाने वाले जीवाणु, विषाणु और अन्य रोगों से हमारे शरीर की सुरक्षा करते है


टीका और टीकाकरण, प्रतिरक्षी, प्रतिरोध क्षमता
साइनो जीवाणु कोशिका


ü  डायटम –
·         ये सूक्ष्म जीव एक कोशिका शैवाल होते है ये समुंद्र और ताजे पानी, दोनों में पाया जाता है, ये अकेले – 2 कोशिकाओ या समूह में भी हो सकते है! ये लैगिक और अलैगिक दोनों प्रकार से जनन करते है


ü  साइनो जीवाणु कोशिका –
·         इसकी चार परतो वाली कोशिका भित्ति होती है, इसके अन्दर प्लाज्मा झिल्ली की परत का आवरण होता है जिसके अन्दर साइटो – प्लाज्मा होता है


science 8th class science रोग पैदा करने वाले जीव विभिन्न सूक्ष्मजीव

ü  जीवाणुओं में द्विविखंडन विधि से गुणन होता है

ü  रोग पैदा करने वाले जीव – रोगाणु या रोगवाहक होते है

ü  रोगाणुओं से उत्पन्न विषैला पदार्थ टाक्सिंन कहलाता है

ü  शैवाल अपना भोजन प्रकाश – संस्लेषण के माध्यम से बनाते है

ü  शैवाल का उत्पादन अगार होता है जो जीवाणु प्रवर्धन में मदद करते है

ü  शैवाल पौधों जैसे होते है जैसे मसरूम, सभी मसरूम खाने के लिए नहीं होती   

रोग पैदा करने वाले जीव
रोग पैदा करने वाले जीव


ü  प्रोटोजोवा जानवर जैसे होते है

ü  विषाणु सूक्ष्मजीव सजीव और निर्जीव की सीमा पर होते है

ü  मछलियां मुख्य भोजन के लिये कवक लेती है

ü  एंटअमीबा कोनसा रोग फलते है – अमीबा पेचिसी

ü  त्वचा रोग रिंग – वारम कोन फलता है – कवक 

ü  पौधों की जड़ो में ग्रंथियों के रूप में नाइट्रोजन सिथ्रिकरण ( ठराव ) होते है जिन्हें राइजोबियम कहते है

ü  कवक द्वारा गेहूँ के पौधों में कोनसा रोग फैलता है – रस्ट

ü  लेक्टोबेसिलस जीवाणु द्वारा दही जमाई जीती है

ü  विषाणुओं के संक्रमन द्वारा ही जुकाम फलता है

ü  अल्गजेंदर फ्लेमिग़ – 1929 में पेनसिलन की खोज की

ü  सजीवों का वर्गीकरण उनकी समान गुणों के आधार पर होता है

ü  विभिन्न प्रकार के प्रतिजीवी –
·         पेनसिलन, टेट्रासाइकलिन, ग्रेमेंसीडीन, स्टेपेट्रोमाईसिन 


02/06/2015

science 8th class science सूक्ष्मजीवो द्वारा हानिया effect from virous antibiotics

सूक्ष्मजीवो द्वारा हानिया :-

ü  यह जानवरों और पौधों में रोग फलते हे
ü  ये खाद्य पदार्थो को खराब करते है
·         यह खाद्य पदार्थ में अपघटन के द्वारा दुर्घंद वाले जीवाणु बनाता है
·         ये  विषैले योंगिक बनाते है
·         ये सभी खाद पदार्थो को ख़राब करते है  
ü  कपड़े और चमड़े आदि के खराब होने का करना

सूक्ष्मजीवो द्वारा हानिया, effect from virous
सूक्ष्मजीवो द्वारा हानिया

प्रति जैविक क्या होते है –

यह एक प्रकार की  दवाई या ओषधी होती है जो शारीर के अन्दर जाकर रक्त के माध्यम से बिना हानि पहुचाऐ जीवाणुओं को खत्म करते है! सभी प्रकार के प्रति-जैविक हमे सूक्ष्मजीव, जीवाणु या कवक आदि से मिलते है जैसे पेनसिलन (अल्गजेंदर फ्लेमिग़ - 1929), टेट्रासाइकलिन आदि

निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए –
·         डाक्टर से पूछने के बाद ले
·         दवाओं का पूरा कोर्स करे

·         प्रति जैविक ख़ासी और सर्दी पर असर नहीं करती क्योंकि ये सभी विषाणु के माध्यम से फलते है