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04/07/2015

science 8th class science मिटटी का कटना अपरदन संरक्षण

मिटटी का कटना या मृदा के अपरदन के कारण

ü  विभिन्न ऋतुओं में भूमि की उपरी परत का कमजोर होना और हवा के साथ उड़ना
ü  पेड़-पौधों का अधिक मात्रा में काटना और फिर उपरी सतह का कमजोर होना  
ü  नदी और नालों द्वारा मिटटी को काटना
ü  खुले पड़े स्थानों पर
ü  शहरीकरण के कारण पेड़-पौधों का काटना
ü  बिलों में रहने वाले जीव-जन्तुओं द्वारा मिटटी की उपरी सतह को कमजोर करना

मृदा के अपरदन या मिटटी को कटने से बचाने के लिए अधिक मात्रा में पेड़-पौधों को लगाना चाहिए ताकि पेड़-पौधों की जड़े मिटटी के कणों का जकड़-कर रख सके और ये कण हवा या पानी के साथ न जा सके, इस तरह हम मिटटी का कटना या मृदा के अपरदन को रोक सकते है


मिटटी का कटना अपरदन संरक्षण
मिटटी का कटना अपरदन संरक्षण



मिटटी के कटाव को रोकना या मिटटी का संरक्षण

ü  अधिक मात्रा में पेड़-पौधों का लगाना
ü  वनों के काटने को कम करना और पशुओं के अधिक चरने पर रोक लगाना
ü  अधिक मात्रा में फसल उगाना ताकि मिटटी के कटाव को रोका जा सके
ü  वर्षा के पानी को रोककर मिटटी को कटने से बचाना या खेतों की मेड़ो या बांध का निर्माण करना
ü  सिचाई में कम गति के पानी का प्रयोग करना
ü  पहाड़ो पर सीडी-दार खेतों का निर्माण करना


वन्य जीवन का आवश्कता –

ü  जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों और अन्य सूक्ष्म-जीवों से हमें बहुत सी वस्तुओं की प्राप्ति होता है
ü  भोजन-श्रंखला पर प्रभाव नहीं पड़ता
ü  पर्यावरण संतुलन बना रहता है
ü  भविष्य के लिए इन्हें बनाए रखना
ü  भविष्य के लिए जीन-बैंक का बनाना
ü  जीव-जन्तुओं से मनोरंजन भी किया जाता हँ

ü  हमारी प्राकृतिक विभिन्न लोगों को कुछ अलग या नया करने की प्रेरणा देती हँ जैसे कविताएँ लिखने के लिए और कलाकार को आदि 

science 8th class science जैव विविधता कागज़ बनाना

जैव विविधता के संरक्षण की आवश्कता

·      जैव विविधता से हमारा अभिप्राय उन सभी जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों और अन्य सूक्ष्म-जीवों से हँ जो की एक विशेष क्षेत्र में पाए जाते है विभिन्न जीव-जन्तु अलग – 2 तरह का भोजन खाना पसंद करते हँ जैसे पांडा बैबो डंडी और कई भालू मास या सफेदे के पत्ते खाना पसंद करते है हमारे पक्षियों को दाना और हिरनों को हरी -घास खाना पसंद होता है इन विशेष क्षेत्र में सभी के लिए भोजन की आवश्कता की पूर्ति होती हँ और विभिन्न जीव-जन्तुओं की भोजन-श्रंखला पर प्रभाव नहीं पड़ता, इसीलिए सभी जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों और अन्य सूक्ष्म-जीवों के संरक्षण के लिए विभिन्न जैव विविधता वाले विशेष क्षेत्र अति आवश्यक है!

·    हमारे जीव-जन्तुओं अब संरक्षण क्षेत्र में भी सुरक्षित नहीं रहते क्योंकि आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोग इन वनों को काटते रहते हँ और जीव-जन्तुओं का शिकार करते रहते है!

·    हमारी विभिन्न आदिवासी जातियां भी इन जंगलों पर निर्भर रहते है हमारे राष्टीय उद्यान सतपुड़ा में भी इस तरह के प्रमाण मिले हँ जहां पर आदिमानव ने अपना रहने का स्थान बनाया! उनके आवास के प्रागैतिहासिक प्रमाण जैसे मनुष्य का लड़ना और विभिन्न जीवों का शिकार करना, कई तरह के बजाने के यंत्र और लोगों का समहू में रहना आदि!


जैव विविधता का संरक्षण
जैव विविधता का संरक्षण

कागज़ का निर्माण या बनाना –

·    हम सभी जानते हँ की काग़ज हमारे लिए कितना जरूरी हँ क्योंकि इस पर हम अपनी आवश्कता के अनुसार लिखते हँ और प्रयोग करते है परन्तु इसके निर्माण या कागज़ को बनाने के लिए पेड़ो को काटना पड़ता है 1 टन कागज़ के लिए 16 से 18 पेड़ पौधों को काटना पड़ता है इस लिए हमें काग़ज को बचाना चाहिए और इसके पुन-प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए, हम काग़ज का 5-7 बार पुन-प्रयोग कर सकते है


                                                                      

science 8th class science वनोंमूलन पेड़ो का काटना जलवायु सुखा

वनोंमूलन के विभिन्न प्रभाव -  


ü  हमारी पृथ्वी – वनोंमूलन से हमारी प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि होगी, विश्व जलवायु का संतुलन खराब होगा और सुखा, मिटटी के गुणों में परिवर्तन, मिट्टी का कटाव और प्रदूषण आदि में अधिकता आएगी

ü  शहरी क्षेत्र – शहरों में वाहन और उधोग अधिक होते है यदि हम पेड़ो का काटना जारी रखते है तो यहाँ का वातावरण अधिक प्रदूषित हो जाएगा और लोगों की सेहत खराब हो जाएगी

ü  गावों में – ग्रामीण क्षत्रे में खेती अधिक की जाती हँ और वनोंमूलन से वर्षा कम हो जाएगी और कम उत्पादन होगा तथा भूमि की प्राकृतिक भी बदल जाएगी

ü  हमारा पर्यावरण – वनोंमूलन से हमारे पर्यावरण में आक्सीजन की मात्रा कम हो जाएगी तथा वर्षा कम हो जाएगी और भूमि की उर्वरता भी घट जाएगी, प्रदूषण और सुखा में अधिकता आएगी

ü  वन्य जीवों पर – अधिक मात्रा में वनोंमूलन से हमारे वन्यजीवों का आवास प्रभावित होगा और वे संकटापन्न स्पीशीज बन जाएगे

ü  अन्य प्रभाव – स्थलीय जल कम होगा, जलवायु में परिवर्तन, जडी-बुटी या दवाईयों वाले पौधे कम होगें, लकड़ी और अन्य उधोगों में कमी आएगी



 वनोंमूलन पेड़ो का काटना जलवायु सुखा
 वनोंमूलन पेड़ो का काटना जलवायु सुखा



वनोंमूलन के विभिन्न कारण –

आधुनिक युग में जब लोगों के जीवन स्तर बदल रहें हँ और विभिन्न नई – 2 तकनीकीयों का प्रयोग हो रहा है तो इस समय में विभिन्न प्रयोगों के लिए पेड़-पौधों को काटना पड़ता है जैसे

ü  जनसंख्या की वृद्धी से नए मकानों की आवश्यकता
ü  सड़क और अन्य सम्बन्धित निर्माणों के लिए
ü  खेती के लिए नई भूमि की आवश्यकता
ü  कोयला खदानों के लिए


30/06/2015

science 8th class science हमारे वन जीव-जन्तु जैवमंडल

हमारे वन या वनों का संरक्षण

ü  वनोंमूलन – इंसानों द्वारा पेड़ो का अधिक मात्रा में काटना, वनोंमूलन कहा जाता है इसी कारण से बहुत सारी समस्या उत्पन्न होने लगी हँ जैसे सुखा, मिटटी के गुणों में परिवर्तन, मिट्टी का कटाव और प्रदूषण आदि

ü  जैवमंडल – हमारी पृथ्वी का वह हिस्सा जिसमें सजीवों के जीवन-यापन करने के सभी गुण या आवश्यक वस्तु होती है
जैवमंडल पेड़ पौधे
जैवमंडल पेड़ पौधे

ü  हमारे पारितंत्र में जीव-जन्तु, पेड़ पौधे, सूक्ष्म जीव और अजैव घटकों को शामिल किया जाता है  

ü  हमारी पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु और पेड़ पौधे पाए जाते हँ इसी विभिन्नता को जैव-विविधता कहते है जो जीव-जन्तु किसी विशेष क्षेत्र में ही पाए जाते हँ उन्हें प्राणी-जात और पेड़ पौधे को वनस्पति-जात कहते है

ü  जब उपजाऊ भूमि की मिटटी का कटाव या मृदा का अपरदन होता हँ तो वह भूमि उपजाऊ नहीं रहती, इस क्रिया को मरुस्थलीकरन कहते है

ü  वन्य प्राणी अभ्यारण – वह स्थान जहाँ पर वन्यजीवों को सुरक्षित और संरक्षित रखा जाता है

ü  हमारे राष्टीय उद्यान भी क्षेत्र विशेष वनस्पति, प्राणी-जात और ऐतिहासिक वस्तुओं को संरक्षण प्रदान करते है जैसे सतपुड़ा तथा प्रोजेक्ट टाइगर (1 अप्रैल 1973)
 जैवमंडल - जीव-जन्तु
 जैवमंडल - जीव-जन्तु 

ü  जो जन्तु लगातार शिकार होने के कारण कम होते हँ उन्हें विलुप्त या संकटापन्न जंतू कहा जाता है

ü  रेड डाटा पुस्तक – इस किताब के अंदर सभी संकटापन्न स्पीशीज का विवरण होता है

ü  वनों से हमें कागज मिलता हँ इसीलिए काटे हुए वनों का पुनर्वनरोपण होना चाहिए


ü  जीवन यापन करने के लिए जब स्पीशीज अपने आवास को छोड़कर बहुत दूर निकल जाते है तो इसे प्रवास कहते है 

29/06/2015

science 8th class science जलती हुई मोमबत्ती विस्फोट स्वत: दहन

जलती हुई मोमबत्ती और विभिन्न प्रकार की दहन प्रक्रिया

·         तीव्र दहन – यह आँक्सीजन की वह अभिक्रिया हँ जिसमें कम समय में अधिक मात्रा में प्रकाश और  ऊष्मा उत्पन्न होती है जैसे जलती तीली को गैस के पास लेकर जाने में

·         स्वत: दहन – जो दहन बिना किसी बाहरी ऊष्मा के आरम्भ हो जाए, जैसे फास्फोरस

·         धीमा दहन – यह आँक्सीजन अभिक्रिया इतनी धीमी होती हँ इसमें ऊष्मा भी कम मात्रा में उत्पन्न होती हँ और प्रकाश भी नहीं होता जैसे जंग लगना

·         विस्फोट – जब किसी अभिक्रिया में बहुत सी गैसों के अतिरिक्त प्रकाश और ऊष्मा अधिक मात्रा में उत्पन्न होती हँ उसे विस्फोट कहते है पटाखे और गोला-बारूद आदि

जलती हुई मोमबत्ती विस्फोट स्वत: दहन
जलती हुई मोमबत्ती विस्फोट स्वत: दहन


जलती हुई मोमबत्ती के विभिन्न भाग

·         गहरा आंतरिक क्षेत्र – यह मोमबत्ती की ज्वाला का सबसे आंतरिक भाग होता हँ जोकि ठंडा होता हँ क्योंकि इसमें जलते हुए मोम के गर्म वाष्प होते है

·         दीप्त भाग – यह ज्वाला का मध्य और एक चमकीला भाग होता है यह भाग कार्बन के कम जले कणों के कारण चमकता रहता हँ ये कण ही काजल और धुएँ के रूप में पैदा होते है


·         अदीप्त भाग - मोमबत्ती की ज्वाला का सबसे बाहरी भाग होता हँ जो किके नीले रंग जैसे दिखाई देता है यह पर आँक्सीजन और ईधन मिलकर पूर्ण दहन करते है 

8th class science science हमारे ईंधन CO2 LPG सोने और चाँदी

हमारे ईंधन और उनका प्रयोग


ü  लकड़ी और LPG में बहतर ईंधन

·         लकड़ी के जलने पर हानिकारक गैस और धुवाँ उत्पन्न होता है और इसका ऊष्मीय मान (17 kJ/g) भी कम होता है दूसरी और LPG जो कि पेट्रोलियम गैस हँ तथा इसके जलने पर हानिकारक गैस और धुवाँ नहीं निकलता और इसका ऊष्मीय मान (50 kJ/g) भी अधिक होता है इसीलिए LPG एक बहतर ईधन है !


 हमारे ईंधन  CO2 LPG
 हमारे ईंधन  CO2 LPG 


ü  आग रोकने के लिए CO2 का प्रयोग किया जाता है क्योंकि

·         आग को जलने के लिए आँक्सीजन की आवश्कता होती हँ जबकि CO2 एक भारी गैस होती है इसीलिए जब किसी जलती हुई वस्तु ऊपर यह (CO2) डाली जाती हँ तो यह वस्तु के चारों तरफ एक आवरण बना लेती हँ और आँक्सीजन को रोकती हँ तथा आग को जलने से रोका जा सकता है!


ü  सूखे पते का ढेर जल्दी आग पकड़ेगा जबकि हरे पते का ढेर नहीं क्यों –

·         सूखे पते के ढेर में आँक्सीजन की मात्रा अधिक होती हँ और नमी की मात्रा कम, इसीलिए यह जल्दी आग पकड़ लेती हँ दूसरी और हरे पतों में आँक्सीजन की मात्रा कम और नमी की मात्रा अधिक होती हँ इसी लिए यह आग जल्दी नहीं लगती!


ü  सोने और चाँदी पर कम करने वाले, ज्वाला या आग के सबसे बाहरी भाग (अदीप्त – नीले भाग) का प्रयोग करते हँ


ü  ईंधन की विभिन्न रूप –
·         तरल – पेट्रोल, तेल और डीजल
·         ठोस – लकड़ी और कोयला

·         गैस – प्राकृतिक गैस और बायोगैस तथा कोयला-गैस 

28/06/2015

science 8th class science विभिन्न प्रकार के ईंधन vibhinn prkar ke eandhan

विभिन्न प्रकार के ईंधन और उनकी क्रिया
                                                                         
ü  विभिन्न प्रकार के ईंधन – कोयला, गोबर, पट्रोल, डीजल, LPG, गैस पर लकड़ी आदि

ü  दहन – यह एक रासायनिक प्रक्रिया हे जिसमें कोंई पदार्थ या वस्तु आँक्सीजन के साथ मिलकर (अभिक्रिया) ऊष्मा उत्पन्न करते है इसके लिए आवश्यक हँ
·         आँक्सीजन का होना
·         पदार्थ या वस्तु का होना
·         वस्तु या पदार्थ का निम्न ज्वलन तापमान होना

विभिन्न प्रकार के ईंधन vibhinn prkar ke eandhan
विभिन्न प्रकार के ईंधन vibhinn prkar ke eandhan


ü  ईंधन या दाहाय पदार्थ – जो पदार्थ जलने के बाद ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करते है जैसे कोयला, मिटटी का तेल, कागज़, लकड़ी और माचिस आदि

ü  अदाहाय पदार्थ - जो पदार्थ जलने के बाद ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न नहीं करते है अर्थात जो आँक्सीजन के साथ अभिक्रिया नहीं करते जैसे लोहा, पत्थर और कांच आदि 

ü  ज्वलन ताप – वह न्यूनतम या कम से कम तापमान, जिसपर कोंई पदार्थ या वस्तु जलना आरम्भ करती है

ü  जो पदार्थ या वस्तु जिसका ज्वलन ताप बहुत ही कम होता हँ उन्हें ज्वलनशील पदार्थ कहते है जैसे पेट्रोल, डीजल और विभिन्न गैस आदि 

ü  अग्नि-शामक – एक प्रकार का आग़ बुझाने का यंत्र 

ü  पानी या जल से तेल और पेट्रोल की आग को नहीं बुझाना चहिये क्योंकि जल इन दोनों (तेल और पेट्रोल) से हल्का होता हँ इस कारण यह तल में चला जाएगा और तेल उपर जलता रहेगा इसीलिए इसके लिए मिटटी का प्रयोग करना चाहिए

ü  बिजली के सामान या उपकरण में लगी आग को भी जल से नहीं बुझाना चहिये क्योंकि यह (जल) विधुत का सुचालक होता है इसीलिए इसके लिए मिटटी का प्रयोग करना चाहिए 

ü  दहन तीन प्रकार से ही सकता है – तीव्र दहन, स्वत: दहन और विस्फोटक

ü  किसी भी पदार्थ या वस्तु का उष्मीयमान उनकी 1 Kg(किलोग्राम) पदार्थ या वस्तु के पूर्ण दहन से प्राप्त ऊर्जा को मात्रा है

ü  ईंधन के बहुत अधिक प्रयोग से कई समस्यों ने जन्म लिया जैसे वायु प्रदूषण, स्वास्थ्य का खराब होना, वायुमंडल के तापमान का बड़ना और अम्लीय वर्षा का होना आदि

ü  वायुमंडल के तापमान का धीमी गति से बड़ना या अधिक होना विश्व उष्णन कहलाता है

ü  अम्लीय वर्षा का होना हमारे भवनों, मिटटी और हमारी उपजों के लिए हानिकारक होती है