हमारे वन या वनों का
संरक्षण
ü वनोंमूलन – इंसानों द्वारा पेड़ो का अधिक
मात्रा में काटना, वनोंमूलन कहा जाता है इसी कारण से बहुत सारी समस्या उत्पन्न होने
लगी हँ जैसे सुखा, मिटटी के गुणों में परिवर्तन, मिट्टी का कटाव और प्रदूषण आदि
ü जैवमंडल – हमारी पृथ्वी का वह
हिस्सा जिसमें सजीवों के जीवन-यापन करने के सभी गुण या आवश्यक वस्तु होती है
जैवमंडल पेड़ पौधे |
ü हमारे पारितंत्र में जीव-जन्तु, पेड़ पौधे,
सूक्ष्म जीव और अजैव घटकों को शामिल किया जाता है
ü हमारी पृथ्वी पर विभिन्न
प्रकार के जीव-जन्तु और पेड़ पौधे पाए जाते हँ इसी विभिन्नता को जैव-विविधता
कहते है जो जीव-जन्तु किसी विशेष क्षेत्र में ही पाए जाते हँ उन्हें प्राणी-जात और
पेड़ पौधे को वनस्पति-जात कहते है
ü जब उपजाऊ भूमि की मिटटी का
कटाव या मृदा का अपरदन होता हँ तो वह भूमि उपजाऊ नहीं रहती, इस क्रिया को मरुस्थलीकरन
कहते है
ü वन्य प्राणी अभ्यारण – वह स्थान जहाँ पर
वन्यजीवों को सुरक्षित और संरक्षित रखा जाता है
ü हमारे राष्टीय उद्यान
भी क्षेत्र विशेष वनस्पति, प्राणी-जात और ऐतिहासिक वस्तुओं को संरक्षण प्रदान करते
है जैसे सतपुड़ा तथा प्रोजेक्ट टाइगर (1 अप्रैल 1973)
जैवमंडल - जीव-जन्तु |
ü जो जन्तु लगातार शिकार होने
के कारण कम होते हँ उन्हें विलुप्त या संकटापन्न जंतू कहा जाता है
ü रेड डाटा पुस्तक – इस किताब के अंदर सभी संकटापन्न
स्पीशीज का विवरण होता है
ü वनों से हमें कागज मिलता हँ
इसीलिए काटे हुए वनों का पुनर्वनरोपण होना चाहिए
ü जीवन यापन करने के लिए जब स्पीशीज
अपने आवास को छोड़कर बहुत दूर निकल जाते है तो इसे प्रवास कहते है
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