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27/06/2015

science 8th class science धातु की क्रिया

ü  अम्लीय आँक्साइड – यह आँक्साइड अधातु के लिए होता है जिसमें पानी के साथ क्रिया करके अम्ल का निर्माण किया जाता है !

ü  क्षारीय आँक्साइड - यह आँक्साइड धातु के लिए होता है जिसमें पानी के साथ क्रिया करके क्षारीय का निर्माण किया जाता है! 

ü  धातु की उपलब्धता – धातु हमारी प्रकृति में दो रूपों में पाई जाती है 
·         योंगिक – जो धातु वायु और जल के साथ क्रिया करके अपना योंगिक बना लेते है वो योंगिकों के रूप में पाई जाती है जैसे ऐलुमिनियम आँक्साइड, सोडियम!
·         स्वतंत्र - जो धातु वायु और जल के साथ क्रिया नहीं करते तथा अपना योंगिक नहीं बनाते, वे सभी स्वतंत्र रूप में पाई जाती है जैसे सोना और प्लेटिनम !

धातु की क्रियाऐ धातु के प्रयोग और प्रभाव
धातु की क्रियाऐ धातु के प्रयोग और प्रभाव 


ü  चांदी ऑक्सीजन के साथ अभीक्रिया नहीं करती, किन्तु वायु में उपस्थित सल्फर कणों से मिलकर  (अभीक्रिया) करके सिल्वर सल्फ़ाइड बनाते है जिसकें कारण चांदी और इससे बनीं वस्तुओं पर एक काले रंग की परत बन जाती है !

ü  सोना ऑक्सीजन या अन्य के साथ अभीक्रिया नहीं करता इसीलिए इससे बनी वस्तु या आभूषण हर समय नए नजर आते है !

ü  ऐलुमिनियम धातु क्रियाशील होने के कारण, यह वायु और जल के साथ के मिल-करके ऐलुमिनियम आँक्साइड बनाते है इसीलिए इससे बने बर्तन अपनी चमक बनाए नहीं रख पातें !

ü  खट्टे खाद्य पदार्थोँ को लिहे और ऐलुमिनियम धातु के बर्तनों में नहीं रखना चाहिए क्योंकि खट्टे खाद्य पदार्थोँ में अम्ल होता है जो इन धातुओं ( लिहे और ऐलुमिनियम ) के साथ मिलकर एक विषैला पदार्थ बनाते है !

ü  कॉपर (तांबा) को जंग नहीं लगता परन्तु जब यह नम वायु के संपर्क में आता है तो यह कॉपर कार्बोनेट तथा कॉपर हाइड्रोक्साइड पदार्थो का निर्माण एक परत के रूप में करता है


science 8th class science धातु का प्रयोग और कारण

धातु का प्रयोग और कारण –

ü  वायु यान बनाने में ऐलुमिनियम का प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह धातु हल्की और मजबूत होती है

ü  तारें बनाने के लिए कॉपर (तांबा) का प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह विधुत का सुचालक होता है

ü  चांदी से दर्पण बनाऐ जाते है क्योंकि चांदी सफेद और चमकदार होती है तथा इसकी परावर्तन क्षमता भी अधिक होती है

ü  सेल में ग्रेफाइट का प्रयोग इलेकट्रोड के रूप में होता है क्योंकि ग्रेफाइट विधुत का सुचालक होता है

ü  लोहा धातु बहुत ही कठोर और मजबूत होने के कारण इससे प्रयोग पुल और डैम बनाते है


धातु का प्रयोग और कारण
धातु का प्रयोग और कारण



धातु का उपयोग
                                            
ü  ऐलुमिनियम का प्रयोग या उपयोग – हवाई जहाज बनाने में
-    तारें बनाने में
-    वस्तुओं के पैक बनाने में
ü  कॉपर (तांबा) का प्रयोग या उपयोग – तारें बनाने में
-    फ़ोटो के फ्रेम और सिक्के बनाने में
-    खाना बनाने के बर्तन
ü  लोहे का प्रयोग या उपयोग - इससे प्रयोग पुल और डैम बनाने में
-    बड़ी इमारतें बनाने में
-    रेल गाड़ियां, वाहन और मशीनों के निर्माण में


धातु के रसायनिक गुण – ये विधुत धनात्मक होते हँ तथा इलेकट्रॉन खोकर – धन आयन का निर्माण करते है
-    क्षारीय आँक्साइड का निर्माण करते है
-    जल तथा अम्ल से क्रिया करके हाइड्रोजन बनाते है
-    ये हाइड्रोजन से मिलकर आयनिक हाइ-ड्राइड का निर्माण करते है
-    क्लोरीन के साथ क्रिया के पश्चात आयनिक क्लोराइड का निर्माण करते है जो विधुत का सुचालक होता है

अधातु के रसायनिक गुण -
                  – ये विधुत का ऋणात्मक होते है और इलेकट्रॉन पाकर ऋण आयन का निर्माण करते है
-    अम्लीय आँक्साइड का निर्माण करती है
-    जल तथा अम्ल से अभिक्रिया नहीं करतीं
-    ये सहयोगी हाइ-ड्राइड का निर्माण करते है
-    क्लोरीन के साथ मिलकर सहयोगी क्लोराइड का निर्माण करते है जो अपने आप में विद्युत है

                                                                    

20/06/2015

science 8th class science धातु और उनके प्रयोग metal or non metal

ü  चांदी सबसे अधिक तन्य होती है

ü  पारा - तरल अवस्था में पाई जाने वाली धातु

ü  सीसा – विधुत की कुचालक होती है

ü  पारा – थर्मामीटर में प्रयोग होने वाली वस्तु

ü  सोडियम और पोटाशियम – इन धातु को आसानी से काटा जा सकता है

ü  तार बनाने के लिए कॉपर (तांबा) और ऐलुमिनियम प्रयोग में लाया जाता है

ü  हीमोग्लोबिन – लोहा धातु का धटक है


धातु और उनके प्रयोग
धातु और उनके प्रयोग

ü  पांच उपयोगी धातु -  
·         कॉपर, ऐलुमिनियम, लोहा या आयरन, जिंक, टिन

ü  पांच धातु जो उधोग में प्रयोग होती हँ
·         कॉपर, ऐलुमिनियम, लोहा या आयरन, निक्किल, जिंक

ü  अम्लों, पानी और वायु के साथ क्रियाशील धातु
·         मैग्नीशियम, ऐलुमिनियम, जिंक, सोडियम

ü  सोना और प्लेटिनम – ये धातु अम्लों, पानी और वायु के साथ अक्रियाशील धातु है

ü  कॉपर (तांबा) धातु भूरे-लाल रंग की होती है

ü  मैग्नीशियम को अन्य धातु जैसे आयरन और कॉपर से आसानी से काटा जा सकता है

ü  खाना बनाने में ऐलुमिनियम का प्रयोग क्यों किया जाता है
·         ऐलुमिनियम ऊष्मा का सुचालक होता है और हल्के भी होते है तथा खाद्य वस्तुओं के अम्ल, इनके साथ क्रिया नहीं करते

ü  धातु का क्षरण और बचाव
·         धातु को जब खुले स्थान (नम वायु) में छोड़ते हँ तो उनकी बाहरी परत पर रेत-मिटटी और नम वायु से क्रिया करके एक बिना चमक वाली सतह जम जाती है जिसे आसानी से हटाया जा सकता है इसी को धातु का क्षरण कहते है

·         बचाव – धातु पर पेंट करके
-    ग्रीश और तेल की परत लगाकर
-    अन्य धातु की परत लगाकर
-    मिश्रित धातु बनाकर


science 8th class science धातु और अधातु की विशेषता

धातुओं की भोंतिक विशेषता

ü  सतह की चमक, इसकी धात्विक चमक है

ü  इनमें कठोरता होती है तथा विभिन्न धातुओं की कठोरता अलग – 2 होती है

ü  आघात-वर्धक होती है जिसके कारण इनकी चादर बनाई जाती है

ü  इनमें तन्यता होतीं है जिसके कारण इनकी तार बनाई जा सकती है

ü  ये ऊष्मा और विधुत के सुचालक होते है जैसे सोना, चांदी, ऐलुमिनियम और कापर

ü  इसकी धात्विक ध्वनी के कारण, इनके टकराने पर आवाज होती है

ü  सभी धातु ठोस होती है परन्तु पारा नहीं

ü  इनका गलनांक उच्चा  होता है

धातु और अधातु की विशेषता
धातु और अधातु की विशेषता 

धातुओं की भोंतिक विशेषता –

ü  प्रकाश का परावर्तन नहीं करने के कारण, इनमें चमक नहीं होती! परन्तु हीरा और ग्रेफाइट के अतिरिक्त

ü  ये ऊष्मा और विधुत के कुचालक होते है ग्रेफाइट के अतिरिक्त

ü  अधातु तीनों अवस्थाओं में पाया जाती है ठोस, तरल और गैस
·         ठोस – आयोडीन, कार्बन और सल्फर
·         तरल – ब्रोमीन
·         गैस – नाइट्रोजन और क्लोरिन
ü   इनमें आघात-वर्धक और तन्यता नहीं होती

ü   इनमें कठोरता नहीं होती है परन्तु हीरे के अतिरिक्त

ü  इनका गलनांक कम होता है परन्तु ग्रेफाइट के अधिक होता है  


science 8th class science धातु और अधातु metal non-metal

धातु और अधातु metal or non-metal


ü  सभी पदार्थो को दो भागों में बाँटा जा सकता है - धातु और अधातु तथा ये दोनों अपने भौतिक और रासायनिक गुणों में अलग – 2 होते है

ü  धातु – कठोर, चमक, तन्यता और आघात-वर्धनीय होती है यह ऊष्मा और विधुत के चालक होते है सभी धातु एक क्क्ष ताप पर कठोर होता है परन्तु पारा ही क्क्ष ताप पर तरल होता है

ü  अधातु – इनमें कोंई चमक नहीं होती और सभी अवस्था (ठोस, तरल, गैस) में पाए जाते है ये ऊष्मा और विधुत के कुचालक, भुरभुरे और आवाज़ रहित होते है तथा निम्न गलनांक होता है

ü  धातु वातावरण में आँक्सीजन से मिलकर (क्रिया करके) क्षारीय आँक्साइड का निर्माण करती है

ü  अधातु वातावरण में आँक्सीजन से मिलकर (क्रिया करके) अम्लीय आँक्साइड का निर्माण करती है
जबकि पानी के साथ ये अभि-क्रिया नहीं करती

धातु और अधातु metal non-metal
 धातु और अधातु metal non-metal

ü  लोहे को जंग लगना – वायु और पानी के साथ क्रिया करके

ü  कुछ अधातु और पानी के मध्य अभि-क्रिया भी होती है सोडियम बहुत जल्दी से पानी के साथ अभि-क्रिया करके हाइड्रोजन और सोडियम हइड्रो-आँक्साइड बनाता है,

ü  सोडियम को रखने का स्थान – मिट्टी का तेल

ü  फास्फोरस - वायु के साथ मिलकर सक्रिय है, इसीलिए इसे जल में रखा जाता है

ü  काफी धातु अम्लो जैसे हइड्रोक्लोरिक से मिल करके हाइड्रोजन का निर्माण करती है

ü  सोना, चांदी और तांबा आदि पर अम्लो का कोंई असर नहीं होता

ü  धातु की जल, वायु और अम्लों के साथ अभि-क्रिया होती रहती है  इसी को अभि-क्रियाशील श्रंखला कहते है

ü  अधिक अभि-क्रियाशील धातु कम अभि-क्रियाशील धातु के धात्विक योगिकों को बदल देता है

ü  “पॉप” एक हाइड्रोजन गैस है जो ध्वनी में जलती है

ü  हमारे मानव शरीर को जरूरत होती हँ –

·         सोडियम, मैग्नीशियम और लोहा