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29/06/2015

8th class science science हमारे ईंधन CO2 LPG सोने और चाँदी

हमारे ईंधन और उनका प्रयोग


ü  लकड़ी और LPG में बहतर ईंधन

·         लकड़ी के जलने पर हानिकारक गैस और धुवाँ उत्पन्न होता है और इसका ऊष्मीय मान (17 kJ/g) भी कम होता है दूसरी और LPG जो कि पेट्रोलियम गैस हँ तथा इसके जलने पर हानिकारक गैस और धुवाँ नहीं निकलता और इसका ऊष्मीय मान (50 kJ/g) भी अधिक होता है इसीलिए LPG एक बहतर ईधन है !


 हमारे ईंधन  CO2 LPG
 हमारे ईंधन  CO2 LPG 


ü  आग रोकने के लिए CO2 का प्रयोग किया जाता है क्योंकि

·         आग को जलने के लिए आँक्सीजन की आवश्कता होती हँ जबकि CO2 एक भारी गैस होती है इसीलिए जब किसी जलती हुई वस्तु ऊपर यह (CO2) डाली जाती हँ तो यह वस्तु के चारों तरफ एक आवरण बना लेती हँ और आँक्सीजन को रोकती हँ तथा आग को जलने से रोका जा सकता है!


ü  सूखे पते का ढेर जल्दी आग पकड़ेगा जबकि हरे पते का ढेर नहीं क्यों –

·         सूखे पते के ढेर में आँक्सीजन की मात्रा अधिक होती हँ और नमी की मात्रा कम, इसीलिए यह जल्दी आग पकड़ लेती हँ दूसरी और हरे पतों में आँक्सीजन की मात्रा कम और नमी की मात्रा अधिक होती हँ इसी लिए यह आग जल्दी नहीं लगती!


ü  सोने और चाँदी पर कम करने वाले, ज्वाला या आग के सबसे बाहरी भाग (अदीप्त – नीले भाग) का प्रयोग करते हँ


ü  ईंधन की विभिन्न रूप –
·         तरल – पेट्रोल, तेल और डीजल
·         ठोस – लकड़ी और कोयला

·         गैस – प्राकृतिक गैस और बायोगैस तथा कोयला-गैस 

28/06/2015

science 8th class science विभिन्न प्रकार के ईंधन vibhinn prkar ke eandhan

विभिन्न प्रकार के ईंधन और उनकी क्रिया
                                                                         
ü  विभिन्न प्रकार के ईंधन – कोयला, गोबर, पट्रोल, डीजल, LPG, गैस पर लकड़ी आदि

ü  दहन – यह एक रासायनिक प्रक्रिया हे जिसमें कोंई पदार्थ या वस्तु आँक्सीजन के साथ मिलकर (अभिक्रिया) ऊष्मा उत्पन्न करते है इसके लिए आवश्यक हँ
·         आँक्सीजन का होना
·         पदार्थ या वस्तु का होना
·         वस्तु या पदार्थ का निम्न ज्वलन तापमान होना

विभिन्न प्रकार के ईंधन vibhinn prkar ke eandhan
विभिन्न प्रकार के ईंधन vibhinn prkar ke eandhan


ü  ईंधन या दाहाय पदार्थ – जो पदार्थ जलने के बाद ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करते है जैसे कोयला, मिटटी का तेल, कागज़, लकड़ी और माचिस आदि

ü  अदाहाय पदार्थ - जो पदार्थ जलने के बाद ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न नहीं करते है अर्थात जो आँक्सीजन के साथ अभिक्रिया नहीं करते जैसे लोहा, पत्थर और कांच आदि 

ü  ज्वलन ताप – वह न्यूनतम या कम से कम तापमान, जिसपर कोंई पदार्थ या वस्तु जलना आरम्भ करती है

ü  जो पदार्थ या वस्तु जिसका ज्वलन ताप बहुत ही कम होता हँ उन्हें ज्वलनशील पदार्थ कहते है जैसे पेट्रोल, डीजल और विभिन्न गैस आदि 

ü  अग्नि-शामक – एक प्रकार का आग़ बुझाने का यंत्र 

ü  पानी या जल से तेल और पेट्रोल की आग को नहीं बुझाना चहिये क्योंकि जल इन दोनों (तेल और पेट्रोल) से हल्का होता हँ इस कारण यह तल में चला जाएगा और तेल उपर जलता रहेगा इसीलिए इसके लिए मिटटी का प्रयोग करना चाहिए

ü  बिजली के सामान या उपकरण में लगी आग को भी जल से नहीं बुझाना चहिये क्योंकि यह (जल) विधुत का सुचालक होता है इसीलिए इसके लिए मिटटी का प्रयोग करना चाहिए 

ü  दहन तीन प्रकार से ही सकता है – तीव्र दहन, स्वत: दहन और विस्फोटक

ü  किसी भी पदार्थ या वस्तु का उष्मीयमान उनकी 1 Kg(किलोग्राम) पदार्थ या वस्तु के पूर्ण दहन से प्राप्त ऊर्जा को मात्रा है

ü  ईंधन के बहुत अधिक प्रयोग से कई समस्यों ने जन्म लिया जैसे वायु प्रदूषण, स्वास्थ्य का खराब होना, वायुमंडल के तापमान का बड़ना और अम्लीय वर्षा का होना आदि

ü  वायुमंडल के तापमान का धीमी गति से बड़ना या अधिक होना विश्व उष्णन कहलाता है

ü  अम्लीय वर्षा का होना हमारे भवनों, मिटटी और हमारी उपजों के लिए हानिकारक होती है  


science 8th class science पेट्रोलयम कैसे बना patrol kaese bnaa

पेट्रोलयम कैसे बना


ü  कार्बनीकरण – बहुत से प्राकृतिक संसाधन जो मिटटी में दब गए थे तथा जिसे हम मृत वनस्पति भी कहते है ये बहुत अधिक ताप और अधिक दबाव के कारण, एक धीमी प्रक्रिया से कोयले में बदल गए, इस प्रक्रिया कों कार्बनीकरण कहते है

ü  कोयले का प्रक्रमण – जब कोयले को 1000` C से ज्यादा ताप पर गर्म करने के प्रक्रम को कोयले का प्रक्रमण कहते है

ü  LPG या CNG के उपयोग या लाभ
·         इसके धुवाँ रहित होने के कारण प्रदूषण नहीं होता
·         इनका उच्च कैलोरीमान होता है लगभग 50 KG/g – 1g LPG के जलने से 50 जुल ऊष्मा
·         इससे कोंई प्रदूषण नहीं होता
·         इसका सम्पूर्ण दहन किया जा सकता है
·         इसकी देखभाल आसान है

ü  पेट्रोलयम कैसे बना – अरबों वर्ष पहले जब हमारे समुद्री जीव-जन्तु मरने के बाद नीचे मिटटी में दब गए, तो दबाव और गर्मी के कारण अरबों वर्ष के बाद वे हइड्रो-कार्बन में बदल गए, यह एक हल्का पदार्थ होता है जो छिद्र युक्त चट्टानों से निकल कर उपरी चट्टानों पर आ गया जब तक उन्हें कठोर चट्टानों द्वारा रोका न गया. इस प्रकार चट्टानों में तेल के कूप बन गए, इन कूपों के उपरी हिस्से में प्राकृतिक गैस पाई जाती है 

पेट्रोलयम कैसे बना patrol kaese bnaa
पेट्रोलयम कैसे बना patrol kaese bnaa


ü  कोक के लक्षण और उपयोग
·         लक्षण - यह कठोर, सरंध युक्त, काले रंग का तथा विद्युत और ऊष्मा का कुचालक होता है
·         उपयोग -  मानव निर्मित ग्रेफाइट बनाने में काम आता है
-    यह धुवाँ न छोड़ने के कारण, घरों के लिए एक अच्छा ईंधन
-    धातुओं के निष्कर्षण में सहयोगी जैसे टिन, लोहा, ज़िक आदि
-    जल-गैस – हाइड्रोजन और कार्बन मोनो-आक्साइड का मिश्रण 
-  उत्पादन-गैस - कार्बन मोनो-आक्साइड और नाइट्रोजन का 1:2 अनुपाती मिश्रण  




27/06/2015

science 8th class science हमारे प्राकृतिक संसाधन hamri prakrtik sansadhan

हमारे प्राकृतिक संसाधन

ü  प्राकृतिक संसाधन – जो पदार्थ हमें प्रकृति द्वारा प्रदान किए गए है जैसे मिटटी, जल, खनिज, पौधे आदि


हमारे प्राकृतिक संसाधन hamri prakrtik sansadhan
हमारे प्राकृतिक संसाधन  hamri prakrtik sansadhan 


ü  प्राकृतिक संसाधन को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है
·         समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन
·         अक्षय प्राकृतिक संसाधन

ü  समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन – जो पदार्थ इंसानों के द्वारा अपने क्रिया (काम) में प्रयोग करके समाप्त किए जा सकते है तथा जो सिमित मात्रा में उपलब्ध है जैसे तेल, गैस और कोयला आदि

ü  जीवाश्म ईंधन – सजीवों के अवशेषों से या उनके मिटटी के अंदर दब जाने से बने ईंधन को, जीवाश्म ईंधन कहते है इनके बनने में करोडों वर्षो का समय लगा हँ ये समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन है क्योंकि इन्हें दोबारा नहीं बनाया जा सकता है अर्थात ये नवीकरणीय उर्जा के स्रोत नहीं है
 
ü  कोयला – जो की एक ईंधन के रूप में प्रयोग होता है जो ठोस और काले रंग का होता है तथा जलने के बाद कार्बन डाइआँक्साइड बनाते है कोयले से हमें कोक, कोलतार और गैस मिलती है

ü  कोक – जो की एक शुद्ध कार्बन होता है यह काले रंग का, कठोर और सरंध्र होता है

ü  कोलतार – यह एक काले रंग और ना-पसंद गंध का काला गाढ़ा तरल होता है तथा 150 से ज्यादा पदार्थो से बना होता है

ü  पेट्रोलयम – यह तेलीय तरल गहरे रंग का और इसकी ना-पसंद गंध होता है तथा इससे LPG, तेल, डीजल, केरोसीन मोम आदि वस्तुओं को बनाया जाता है पेट्रोलयम से विभिन्न वस्तुओं को बनाने की प्रक्रिया को परिष-करण कहते है  

science 8th class science धातु की क्रिया

ü  अम्लीय आँक्साइड – यह आँक्साइड अधातु के लिए होता है जिसमें पानी के साथ क्रिया करके अम्ल का निर्माण किया जाता है !

ü  क्षारीय आँक्साइड - यह आँक्साइड धातु के लिए होता है जिसमें पानी के साथ क्रिया करके क्षारीय का निर्माण किया जाता है! 

ü  धातु की उपलब्धता – धातु हमारी प्रकृति में दो रूपों में पाई जाती है 
·         योंगिक – जो धातु वायु और जल के साथ क्रिया करके अपना योंगिक बना लेते है वो योंगिकों के रूप में पाई जाती है जैसे ऐलुमिनियम आँक्साइड, सोडियम!
·         स्वतंत्र - जो धातु वायु और जल के साथ क्रिया नहीं करते तथा अपना योंगिक नहीं बनाते, वे सभी स्वतंत्र रूप में पाई जाती है जैसे सोना और प्लेटिनम !

धातु की क्रियाऐ धातु के प्रयोग और प्रभाव
धातु की क्रियाऐ धातु के प्रयोग और प्रभाव 


ü  चांदी ऑक्सीजन के साथ अभीक्रिया नहीं करती, किन्तु वायु में उपस्थित सल्फर कणों से मिलकर  (अभीक्रिया) करके सिल्वर सल्फ़ाइड बनाते है जिसकें कारण चांदी और इससे बनीं वस्तुओं पर एक काले रंग की परत बन जाती है !

ü  सोना ऑक्सीजन या अन्य के साथ अभीक्रिया नहीं करता इसीलिए इससे बनी वस्तु या आभूषण हर समय नए नजर आते है !

ü  ऐलुमिनियम धातु क्रियाशील होने के कारण, यह वायु और जल के साथ के मिल-करके ऐलुमिनियम आँक्साइड बनाते है इसीलिए इससे बने बर्तन अपनी चमक बनाए नहीं रख पातें !

ü  खट्टे खाद्य पदार्थोँ को लिहे और ऐलुमिनियम धातु के बर्तनों में नहीं रखना चाहिए क्योंकि खट्टे खाद्य पदार्थोँ में अम्ल होता है जो इन धातुओं ( लिहे और ऐलुमिनियम ) के साथ मिलकर एक विषैला पदार्थ बनाते है !

ü  कॉपर (तांबा) को जंग नहीं लगता परन्तु जब यह नम वायु के संपर्क में आता है तो यह कॉपर कार्बोनेट तथा कॉपर हाइड्रोक्साइड पदार्थो का निर्माण एक परत के रूप में करता है


science 8th class science धातु का प्रयोग और कारण

धातु का प्रयोग और कारण –

ü  वायु यान बनाने में ऐलुमिनियम का प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह धातु हल्की और मजबूत होती है

ü  तारें बनाने के लिए कॉपर (तांबा) का प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह विधुत का सुचालक होता है

ü  चांदी से दर्पण बनाऐ जाते है क्योंकि चांदी सफेद और चमकदार होती है तथा इसकी परावर्तन क्षमता भी अधिक होती है

ü  सेल में ग्रेफाइट का प्रयोग इलेकट्रोड के रूप में होता है क्योंकि ग्रेफाइट विधुत का सुचालक होता है

ü  लोहा धातु बहुत ही कठोर और मजबूत होने के कारण इससे प्रयोग पुल और डैम बनाते है


धातु का प्रयोग और कारण
धातु का प्रयोग और कारण



धातु का उपयोग
                                            
ü  ऐलुमिनियम का प्रयोग या उपयोग – हवाई जहाज बनाने में
-    तारें बनाने में
-    वस्तुओं के पैक बनाने में
ü  कॉपर (तांबा) का प्रयोग या उपयोग – तारें बनाने में
-    फ़ोटो के फ्रेम और सिक्के बनाने में
-    खाना बनाने के बर्तन
ü  लोहे का प्रयोग या उपयोग - इससे प्रयोग पुल और डैम बनाने में
-    बड़ी इमारतें बनाने में
-    रेल गाड़ियां, वाहन और मशीनों के निर्माण में


धातु के रसायनिक गुण – ये विधुत धनात्मक होते हँ तथा इलेकट्रॉन खोकर – धन आयन का निर्माण करते है
-    क्षारीय आँक्साइड का निर्माण करते है
-    जल तथा अम्ल से क्रिया करके हाइड्रोजन बनाते है
-    ये हाइड्रोजन से मिलकर आयनिक हाइ-ड्राइड का निर्माण करते है
-    क्लोरीन के साथ क्रिया के पश्चात आयनिक क्लोराइड का निर्माण करते है जो विधुत का सुचालक होता है

अधातु के रसायनिक गुण -
                  – ये विधुत का ऋणात्मक होते है और इलेकट्रॉन पाकर ऋण आयन का निर्माण करते है
-    अम्लीय आँक्साइड का निर्माण करती है
-    जल तथा अम्ल से अभिक्रिया नहीं करतीं
-    ये सहयोगी हाइ-ड्राइड का निर्माण करते है
-    क्लोरीन के साथ मिलकर सहयोगी क्लोराइड का निर्माण करते है जो अपने आप में विद्युत है