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05/07/2015

science 8th class science पेड़-पौधों का दोबारा लगाए प्रवासी पक्षी

पेड़-पौधों का दोबारा उगाना या पुनर्वनरोपण
                                      
ü  हमारी वन सम्पदा बहुत ही उपयोगी है तथा लकड़ी का बहुत से कामों में प्रयोग किया जाता हे जब हम अपने काम के कारण इसे लगातार काटते रहते है तो इनकी कमी होने लगती हँ तथा हमारे वायुमंडल का संतुलन भी ख़राब होता है इसीलिए जब – 2 हम वन क्षेत्र को काटे तों यह हमारा उतर-दायित्व है की हम काटे हुए पेड़ के स्थान पर नए पेड़-पौधे लगाए! ताकि भविष्य के लिए अपनी वन-सम्पदा को बचाया जा सकें! सबसे पहले हमारी सरकार ने 1952 में राष्टीय वन कानून बनाया और लागू किया, इसके अनुसार सम्पूर्ण भूमि का 1/3 भाग पर वनों को फैलाना था परन्तु यह पूरा न हो सका और 1980 में इसे दोबारा से वन संरक्षित कानून के तहत् लागू किया


पेड़-पौधों का दोबारा उगाना या पुनर्वनरोपण
पेड़-पौधों का दोबारा उगाना या पुनर्वनरोपण
  
प्रवासी पक्षी किसे कहते है?

ü  जीवन यापन करने के लिए जब पक्षी (स्पीशीज) अपने आवास को छोड़कर बहुत दूर निकल जाते है तो इसे प्रवास पक्षी कहते है ये मोसम में हुए परिवर्तनों के कारण लम्बें दूरी तक चले जातें है ये पक्षी हर वर्ष इस प्रकार की दूरी तह करते है कुछ पक्षी अंडे देने के लिए भी इसप्रकार की यात्रा करते है जैसे कोओरैट और चपटे सिर वाली बत्तख आदि !  


सिल्वर कलचर किसे कहते है?

ü  यह एक बड़ा ही महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट हँ और जिसका पेड़-पौधों का दोबारा उगाना या पुनर्वनरोपण से है ताकि अपनी वन-सम्पदा को भविष्य के लिए बचाया जा सकें, इसके अंतर्गत दो बिन्दुओ पर जोर दिया जाता है –
·         हमारे उधोगों के लिए कच्चे माल को बनाए रखना और उसको अधिक करना
·         वन क्षेत्र को अधिक करना



04/07/2015

science 8th class science वनों के काटने से भूमिगत जल कम होता हँ

वनों के काटने से भूमिगत जल कम होता हँ क्योंकि

ü  वनों के अधिक होने के कारण अधिक वर्षा की संभावना होती हँ तथा वन सम्पदा में पानी को रोकने क्षमता होती हँ ये अपनी जड़ो के माध्यम से पानी कों जमीन के अंदर पहुंचा देते है लेकिन आधुनिक काल में अपनी आवश्कता की आपूर्ति के लिए पेड़-पौधों को अधिक कटा गया हे और अधिक चरने के कारण भी अनउपजाऊ भूमि में वृद्धि हुई है इसीलिए वर्षा का पानी जमीन पर न रुक पाता हँ और न ही जड़ो के माध्यम से भूमि में जा पाता है इसी कारण भूमिगत जल में कमी आई है


वनों के संक्षरण की आवश्कता
वनों के संक्षरण की आवश्कता



वनों के संक्षरण की आवश्कता

ü  हमारे वन एक इस प्रकार के जैवमंडल का निर्माण करते है जिसमें बहुत से जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों और अन्य सूक्ष्म-जीवों का आवास होता है ये वन ही होते हँ जो दूसरों के रख रखाव में सहायक होते है जैसे मिटटी, जल और वायु ! इसीलिए वनों के संक्षरण को कई बार हम मिटटी, जल और वायु का संक्षरण भी कहते हे, ये सभी मिलकर जलवायु संतुलन बनाए रखते है वनों के काटने से जलवायु संतुलन बिगड़ जाता हे और पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है


वन्य जीवों का आवास –

ü  हमारे जीव-जन्तुओं और पेड़-पौधों का अपने रहने के स्थान से गहरा लगाव होता हे और कई जीव-जन्तुओं और पेड़-पौधों किसी खास वातावरण में ही रहना पसंद करते है या जीवित रह सकते हे जैसे ब्राजील के वर्षा वन सुनहरी शेर का प्राकृतिक आवास है हमारे सुंदर वनों में शेर का होना आदि! इन के प्राकृतिक आवास के खत्म होने से इनके जीवन पर संकट आ जाता हे और विलुप्त हो जाते है
ü   

कंचनजंघा राष्टीय उद्यान जो कई विलुप्त जीवों का आश्रय है –
                                
ü  मार्बल बिल्ली, बर्फीला तेंदुआ, काला भालू, बदली तेंदुआ, लाल पांडा, मिस्क हिरन और सिरोड़ा हरा कबूतर आदि


पारीतंत्र –

ü  जैविक घटकों (भोतिक पर्यावरण) और जैविक घटक के आपसी सहयोग से बने तंत्र को पारीतंत्र कहते है! तथा दोनों ही एक दूसरे से प्रभावित होते है! ये प्राकृतिक या कृत्रिम हो सकता हें यह अस्थाई खेती या स्थाई जंगल हो सकता हें अत: पारीतंत्र हमारे पर्यावरण की एक कार्यात्मक और सं-रचनात्मक इकाई है

   

science 8th class science वन हमारी प्राकृतिक विरासत राष्टीय उद्यान या पार्को

वन हमारी प्राकृतिक विरासत हँ और इसके विभिन्न महत्व है जैसे

ü  वायुमंडल में संतुलन – आक्सीजन और CO2 के मध्य
ü  अधिक वर्षा और भूमि-गत जल की आपूर्ति के लिए
ü बाढ़ो को रोकना और मिटटी के कटाव को कम करना
ü  जलवायु नियन्त्रण करना
ü  जडीबुटी और दवाईयों के लिए
ü  यह कई उधोग के लिए कच्चे-माल का स्रोत जैसे लकड़ी, रबड़ और शहद आदि
ü  यह बहुत से जीव-जन्तुओं के रहने का स्थान होता है
ü  यह आदिवासियों के जीवन यापन का सहारा होता है


 वन हमारी प्राकृतिक विरासत
 वन हमारी प्राकृतिक विरासत


वनों को संरक्षण करने के उपाय –

ü  अधिक मात्रा में पेड़-पौधों का लगाना
ü  वनों के काटने को कम करना और पशुओं के अधिक चरने पर रोक लगाना
ü  अधिक मात्रा में फसल उगाना
ü  खदानों और उधोगों के लिए नियम


हमारे राष्टीय उद्यान या पार्को के नाम –

ü  बमु धाटा राष्टीय पार्क – कर्नाटक
ü  संजय राष्टीय पार्क   - महाराष्ट्र
ü  कार्बेट राष्टीय पार्क    - उतराखंड
ü  परियार राष्टीय पार्क  - केरल
ü  कान्हा राष्टीय पार्क   - मध्यप्रदेश


science 8th class science मिटटी का कटना अपरदन संरक्षण

मिटटी का कटना या मृदा के अपरदन के कारण

ü  विभिन्न ऋतुओं में भूमि की उपरी परत का कमजोर होना और हवा के साथ उड़ना
ü  पेड़-पौधों का अधिक मात्रा में काटना और फिर उपरी सतह का कमजोर होना  
ü  नदी और नालों द्वारा मिटटी को काटना
ü  खुले पड़े स्थानों पर
ü  शहरीकरण के कारण पेड़-पौधों का काटना
ü  बिलों में रहने वाले जीव-जन्तुओं द्वारा मिटटी की उपरी सतह को कमजोर करना

मृदा के अपरदन या मिटटी को कटने से बचाने के लिए अधिक मात्रा में पेड़-पौधों को लगाना चाहिए ताकि पेड़-पौधों की जड़े मिटटी के कणों का जकड़-कर रख सके और ये कण हवा या पानी के साथ न जा सके, इस तरह हम मिटटी का कटना या मृदा के अपरदन को रोक सकते है


मिटटी का कटना अपरदन संरक्षण
मिटटी का कटना अपरदन संरक्षण



मिटटी के कटाव को रोकना या मिटटी का संरक्षण

ü  अधिक मात्रा में पेड़-पौधों का लगाना
ü  वनों के काटने को कम करना और पशुओं के अधिक चरने पर रोक लगाना
ü  अधिक मात्रा में फसल उगाना ताकि मिटटी के कटाव को रोका जा सके
ü  वर्षा के पानी को रोककर मिटटी को कटने से बचाना या खेतों की मेड़ो या बांध का निर्माण करना
ü  सिचाई में कम गति के पानी का प्रयोग करना
ü  पहाड़ो पर सीडी-दार खेतों का निर्माण करना


वन्य जीवन का आवश्कता –

ü  जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों और अन्य सूक्ष्म-जीवों से हमें बहुत सी वस्तुओं की प्राप्ति होता है
ü  भोजन-श्रंखला पर प्रभाव नहीं पड़ता
ü  पर्यावरण संतुलन बना रहता है
ü  भविष्य के लिए इन्हें बनाए रखना
ü  भविष्य के लिए जीन-बैंक का बनाना
ü  जीव-जन्तुओं से मनोरंजन भी किया जाता हँ

ü  हमारी प्राकृतिक विभिन्न लोगों को कुछ अलग या नया करने की प्रेरणा देती हँ जैसे कविताएँ लिखने के लिए और कलाकार को आदि 

science 8th class science जैव विविधता कागज़ बनाना

जैव विविधता के संरक्षण की आवश्कता

·      जैव विविधता से हमारा अभिप्राय उन सभी जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों और अन्य सूक्ष्म-जीवों से हँ जो की एक विशेष क्षेत्र में पाए जाते है विभिन्न जीव-जन्तु अलग – 2 तरह का भोजन खाना पसंद करते हँ जैसे पांडा बैबो डंडी और कई भालू मास या सफेदे के पत्ते खाना पसंद करते है हमारे पक्षियों को दाना और हिरनों को हरी -घास खाना पसंद होता है इन विशेष क्षेत्र में सभी के लिए भोजन की आवश्कता की पूर्ति होती हँ और विभिन्न जीव-जन्तुओं की भोजन-श्रंखला पर प्रभाव नहीं पड़ता, इसीलिए सभी जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों और अन्य सूक्ष्म-जीवों के संरक्षण के लिए विभिन्न जैव विविधता वाले विशेष क्षेत्र अति आवश्यक है!

·    हमारे जीव-जन्तुओं अब संरक्षण क्षेत्र में भी सुरक्षित नहीं रहते क्योंकि आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोग इन वनों को काटते रहते हँ और जीव-जन्तुओं का शिकार करते रहते है!

·    हमारी विभिन्न आदिवासी जातियां भी इन जंगलों पर निर्भर रहते है हमारे राष्टीय उद्यान सतपुड़ा में भी इस तरह के प्रमाण मिले हँ जहां पर आदिमानव ने अपना रहने का स्थान बनाया! उनके आवास के प्रागैतिहासिक प्रमाण जैसे मनुष्य का लड़ना और विभिन्न जीवों का शिकार करना, कई तरह के बजाने के यंत्र और लोगों का समहू में रहना आदि!


जैव विविधता का संरक्षण
जैव विविधता का संरक्षण

कागज़ का निर्माण या बनाना –

·    हम सभी जानते हँ की काग़ज हमारे लिए कितना जरूरी हँ क्योंकि इस पर हम अपनी आवश्कता के अनुसार लिखते हँ और प्रयोग करते है परन्तु इसके निर्माण या कागज़ को बनाने के लिए पेड़ो को काटना पड़ता है 1 टन कागज़ के लिए 16 से 18 पेड़ पौधों को काटना पड़ता है इस लिए हमें काग़ज को बचाना चाहिए और इसके पुन-प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए, हम काग़ज का 5-7 बार पुन-प्रयोग कर सकते है


                                                                      

science 8th class science वनोंमूलन पेड़ो का काटना जलवायु सुखा

वनोंमूलन के विभिन्न प्रभाव -  


ü  हमारी पृथ्वी – वनोंमूलन से हमारी प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि होगी, विश्व जलवायु का संतुलन खराब होगा और सुखा, मिटटी के गुणों में परिवर्तन, मिट्टी का कटाव और प्रदूषण आदि में अधिकता आएगी

ü  शहरी क्षेत्र – शहरों में वाहन और उधोग अधिक होते है यदि हम पेड़ो का काटना जारी रखते है तो यहाँ का वातावरण अधिक प्रदूषित हो जाएगा और लोगों की सेहत खराब हो जाएगी

ü  गावों में – ग्रामीण क्षत्रे में खेती अधिक की जाती हँ और वनोंमूलन से वर्षा कम हो जाएगी और कम उत्पादन होगा तथा भूमि की प्राकृतिक भी बदल जाएगी

ü  हमारा पर्यावरण – वनोंमूलन से हमारे पर्यावरण में आक्सीजन की मात्रा कम हो जाएगी तथा वर्षा कम हो जाएगी और भूमि की उर्वरता भी घट जाएगी, प्रदूषण और सुखा में अधिकता आएगी

ü  वन्य जीवों पर – अधिक मात्रा में वनोंमूलन से हमारे वन्यजीवों का आवास प्रभावित होगा और वे संकटापन्न स्पीशीज बन जाएगे

ü  अन्य प्रभाव – स्थलीय जल कम होगा, जलवायु में परिवर्तन, जडी-बुटी या दवाईयों वाले पौधे कम होगें, लकड़ी और अन्य उधोगों में कमी आएगी



 वनोंमूलन पेड़ो का काटना जलवायु सुखा
 वनोंमूलन पेड़ो का काटना जलवायु सुखा



वनोंमूलन के विभिन्न कारण –

आधुनिक युग में जब लोगों के जीवन स्तर बदल रहें हँ और विभिन्न नई – 2 तकनीकीयों का प्रयोग हो रहा है तो इस समय में विभिन्न प्रयोगों के लिए पेड़-पौधों को काटना पड़ता है जैसे

ü  जनसंख्या की वृद्धी से नए मकानों की आवश्यकता
ü  सड़क और अन्य सम्बन्धित निर्माणों के लिए
ü  खेती के लिए नई भूमि की आवश्यकता
ü  कोयला खदानों के लिए


30/06/2015

science 8th class science हमारे वन जीव-जन्तु जैवमंडल

हमारे वन या वनों का संरक्षण

ü  वनोंमूलन – इंसानों द्वारा पेड़ो का अधिक मात्रा में काटना, वनोंमूलन कहा जाता है इसी कारण से बहुत सारी समस्या उत्पन्न होने लगी हँ जैसे सुखा, मिटटी के गुणों में परिवर्तन, मिट्टी का कटाव और प्रदूषण आदि

ü  जैवमंडल – हमारी पृथ्वी का वह हिस्सा जिसमें सजीवों के जीवन-यापन करने के सभी गुण या आवश्यक वस्तु होती है
जैवमंडल पेड़ पौधे
जैवमंडल पेड़ पौधे

ü  हमारे पारितंत्र में जीव-जन्तु, पेड़ पौधे, सूक्ष्म जीव और अजैव घटकों को शामिल किया जाता है  

ü  हमारी पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु और पेड़ पौधे पाए जाते हँ इसी विभिन्नता को जैव-विविधता कहते है जो जीव-जन्तु किसी विशेष क्षेत्र में ही पाए जाते हँ उन्हें प्राणी-जात और पेड़ पौधे को वनस्पति-जात कहते है

ü  जब उपजाऊ भूमि की मिटटी का कटाव या मृदा का अपरदन होता हँ तो वह भूमि उपजाऊ नहीं रहती, इस क्रिया को मरुस्थलीकरन कहते है

ü  वन्य प्राणी अभ्यारण – वह स्थान जहाँ पर वन्यजीवों को सुरक्षित और संरक्षित रखा जाता है

ü  हमारे राष्टीय उद्यान भी क्षेत्र विशेष वनस्पति, प्राणी-जात और ऐतिहासिक वस्तुओं को संरक्षण प्रदान करते है जैसे सतपुड़ा तथा प्रोजेक्ट टाइगर (1 अप्रैल 1973)
 जैवमंडल - जीव-जन्तु
 जैवमंडल - जीव-जन्तु 

ü  जो जन्तु लगातार शिकार होने के कारण कम होते हँ उन्हें विलुप्त या संकटापन्न जंतू कहा जाता है

ü  रेड डाटा पुस्तक – इस किताब के अंदर सभी संकटापन्न स्पीशीज का विवरण होता है

ü  वनों से हमें कागज मिलता हँ इसीलिए काटे हुए वनों का पुनर्वनरोपण होना चाहिए


ü  जीवन यापन करने के लिए जब स्पीशीज अपने आवास को छोड़कर बहुत दूर निकल जाते है तो इसे प्रवास कहते है 

29/06/2015

science 8th class science जलती हुई मोमबत्ती विस्फोट स्वत: दहन

जलती हुई मोमबत्ती और विभिन्न प्रकार की दहन प्रक्रिया

·         तीव्र दहन – यह आँक्सीजन की वह अभिक्रिया हँ जिसमें कम समय में अधिक मात्रा में प्रकाश और  ऊष्मा उत्पन्न होती है जैसे जलती तीली को गैस के पास लेकर जाने में

·         स्वत: दहन – जो दहन बिना किसी बाहरी ऊष्मा के आरम्भ हो जाए, जैसे फास्फोरस

·         धीमा दहन – यह आँक्सीजन अभिक्रिया इतनी धीमी होती हँ इसमें ऊष्मा भी कम मात्रा में उत्पन्न होती हँ और प्रकाश भी नहीं होता जैसे जंग लगना

·         विस्फोट – जब किसी अभिक्रिया में बहुत सी गैसों के अतिरिक्त प्रकाश और ऊष्मा अधिक मात्रा में उत्पन्न होती हँ उसे विस्फोट कहते है पटाखे और गोला-बारूद आदि

जलती हुई मोमबत्ती विस्फोट स्वत: दहन
जलती हुई मोमबत्ती विस्फोट स्वत: दहन


जलती हुई मोमबत्ती के विभिन्न भाग

·         गहरा आंतरिक क्षेत्र – यह मोमबत्ती की ज्वाला का सबसे आंतरिक भाग होता हँ जोकि ठंडा होता हँ क्योंकि इसमें जलते हुए मोम के गर्म वाष्प होते है

·         दीप्त भाग – यह ज्वाला का मध्य और एक चमकीला भाग होता है यह भाग कार्बन के कम जले कणों के कारण चमकता रहता हँ ये कण ही काजल और धुएँ के रूप में पैदा होते है


·         अदीप्त भाग - मोमबत्ती की ज्वाला का सबसे बाहरी भाग होता हँ जो किके नीले रंग जैसे दिखाई देता है यह पर आँक्सीजन और ईधन मिलकर पूर्ण दहन करते है