कोशिका विभिन्न अंग कार्य
ü श्वेत रक्त कोशिका – यह एक प्रकार की कोशिका
होती हँ और यह मानव रक्त में पाई जाती हँ तथा यह हानिकारक पदार्थो के भरण पोषण में
सहायक होती है
श्वेत रक्त कोशिका |
ü जीव द्रव्य – यह झिल्ली
और केंद्रंक के मध्य होने वाला जीव द्रव्य होता है
ü अंगक – जीव द्रव्य में
पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की छोटी – 2 संरचना
ü कोशिका भित्ति – पादप कोशिका में झिल्ली
के बाहर एक अलग से आवरण होता हे जो कोशिका को मजबूत बनाता है
ü असीम केंद्री कोशिका – केन्द्रक झिल्ली का न
होना या केन्द्रक का स्पष्ट न होना
ü समीम केंद्री कोशिका - केन्द्रक का स्पष्ट होना
तथा केन्द्रक झिल्ली का आवरण चारों तरफ होना
ü
द्रव्य से भरे विभिन्न अंगक को घानी कहते है
ü पौधों में पाई जाने वाली विभिन्न
छोटे आकार की रंगदार संरचनाओ को वर्णक कहते है
ü जीन – ये गुणों के आनुवंशिकता
के लिए होते है तथा क्रोमोसोम पर होती है
ü कोशिका के अंदर केन्द्रक
में बहुत सारी छोटी – 2 धागे के आकार की संरचना गुणसूत्र कहा जाता है
ü कोशिका केंद्रक – सभी प्रकार की युकेरियोटिक
कोशिका में केंद्रक को स्पष्ट देखा जा सकता है इसको चार भागों में बाटा जा
सकता है –
· केंद्रक झिल्ली – यह केंद्रक द्रव्य को चारों तरफ से घेरने
वाला आवरण होता है जोकि परागम्य तथा सरंध होता है उपरी परत के चारों तरफ राइबोसोम
होते है तथा जो RSR में निरंतर होते है कोशिका द्रव्य और केंद्रक द्रव्य के मध्य
विभिन्न पदार्थो को देखते है
· केंद्रक द्रव्य – यह कोलाइड्ल पदार्थ जो की अर्ध ठोस होता है
इसके अंदर केंद्रिका और क्रोमैटिन धागे होते है यह एक पिजंरे की तरह कार्य करता है
जो कोशिका विभिजन में महत्वपूर्ण spindle का निर्माण करता है
· केंद्रिका – इसे हम न्यूक्लिओलम भी कहते है यह गहरे रंग, घना, गोल और
नग्न प्रकार की संरचना होती है जो RNA का भंडारण और संश्लेषण करते है
· क्रोमेटिन धागे – यह गहरे रंग के महीन और लम्बे धागे नुमा होते
है ये मिलकर केंद्रक रेटिकुल्म का निर्माण करते है ये विभाजन में संघन होने के
पश्चात विशेष छड के आकार की संरचना का निर्माण करते है जो क्रोमोसोम कहलाते है तथा
इन पर ही जीन लगे होते है